Friday 1 April 2016

सुहागरात में पहली चुदाई- First Sex After Shaadi

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भाभी को दिया बर्थ-डे गिफ्ट - Bhabhi Ko Diya Janamdin Ka gift

भाभी को दिया बर्थ-डे गिफ्ट - Bhabhi Ko Diya Janamdin Ka gift

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जय है और में अंबाला में रहता हूँ,  लेकिन मेरा गाँव कानपुर में है। दोस्तों में बहुत समय से कामुकता डॉट कॉम का पाठक हूँ। दोस्तों ये बात आज से करीब तीन साल पहले की है। में एक शॉपिंग माल में खड़ा था और उस समय में अपना मोबाइल रीचार्ज करवा रहा था। तभी वहां पर एक भाभी आई जो सफेद कलर की साड़ी पहने हुई थी और पीछे से उसकी गांड बिल्कुल टाईट थी जिसको देखकर मेरा ऐसा मन कर रहा था कि उसकी गांड को अपने दोनों हाथों से मसल दूँ और यही इसे चोद दूँ, लेकिन किसी तरह खुद को कंट्रोल किया, उसके मोबाइल में शायद कुछ समस्या थी जिसे दिखाने वो वहां पर आई थी। फिर उसने दुकान वाले से कहा कि उसके मोबाईल में आवाज़ ठीक नहीं आती और फिर उसने अपना मोबाईल नंबर उसे बताया और कहा कि वो कॉल करके देखे। तभी उसने फोन करके आवाज सुनी और अब पूरी समस्या समझ में आ गई और में पीछे खड़ा होकर उसकी सारी बातें सुन रहा था और जैसे ही उसने अपना नंबर बताया मैंने उसे अपने मोबाईल में सेव कर लिया और फिर में वहां से चला गया।

फिर कुछ देर बाद मैंने उस नंबर पर कॉल किया तो मुझे किसी औरत की आवाज़ आई जो उसी औरत की आवाज़ लग रही थी और मुझे विश्वास हो गया कि उसका नंबर सही सेव हुआ है। फिर उसके बाद में आए दिन उसे मिस कॉल मारता रहता था। शुरू में तो उसने कोई महत्व नहीं दिया, लेकिन कुछ दिनों के बाद वो मुझे मिस कॉल देने लगी और अब में समझ गया कि अब मेरा काम बन सकता है। मैंने उससे बात करना शुरू किया तो वो मुझे झूठी नाराज़गी दिखाती थी, लेकिन कॉल नहीं काटती थी और उसने मुझसे पूछा कि तुम्हे मेरा नंबर कहाँ से मिला? मैंने उसे बताया कि किस तरह मैंने उसका नंबर लिया और फिर हम लोग बात करने लगे। दोस्तों अब वो खुद हर रोज मुझे कॉल करने लगी थी। फिर एक दिन मैंने उससे कहा कि तुम मुझे बहुत सुंदर लगती हो। तो उसने पूछा कि ऐसा अच्छा क्या है मेरे अंदर जो तुम्हे इतना अच्छा लगता है? मैंने कहा कि तुम सर से लेकर पैर तक इतनी सुंदर हो कि तुम्हे देखते ही मेरा खड़ा हो जाता है। तभी उसने मुझसे पूछा कि क्या खड़ा हो जाता है? लेकिन मैंने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया, तो उसने एक बार फिर से पूछा कि बताओ ना तुम्हारा क्या खड़ा हो जाता है? तभी मैंने कहा कि मेरा लंड तुम्हे देखकर खड़ा हो जाता है, उसने पूछा कि ऐसा क्यों? तो मैंने कहा कि तुम्हारी गांड देखकर मेरा मन करता है कि में तुम्हे चोदता रहूँ। फिर उसने कहा कि ठीक है समय आने पर देखेंगे कि तुम कितना चोदते हो? और इसी तरह बात करते करते मुझे पता चला कि उसका पति दरुबाज़ है और कभी भी उसे संतुष्ट नहीं कर पाता है और उसने मुझे बताया कि मेरा पति रोज दारू पीकर घर आता है और मेरे साथ बिल्कुल भी कुछ नहीं करता, बस वो मेरी साड़ी को उठाता है और मुझे ऐसे ही छोड़कर सो जाता है, मेरे जिस्म के बारे में कुछ नहीं सोचता और मैंने ध्यान दिया है कि आज कल तो उसका लंड खड़ा भी नहीं होता हमेशा लटका हुआ मुरझाया हुआ रहता है। फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो भाभी, तुम्हारा यह देवर है ना, यह तुम्हारी सारी ज़रूरत पूरी करेगा। दोस्तों उस दिन उसने पहली बार कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और तुम बहुत अच्छे हो और बोली कि जय तुम मुझे ऐसे ही प्यार करते रहना, में तुम्हारे प्यार की बहुत भूखी हूँ। फिर मैंने कहा कि भाभी आप बिल्कुल भी चिंता मत करो। में हमेशा आपका ऐसे ही प्यार के साथ ख्याल रखूंगा।

दोस्तों फिर एक बार की बात है में बस स्टॉप पर खड़ा हुआ बस का इंतजार कर रहा था और में जैसे ही बस में चड़ा तो मैंने देखा कि वो भाभी भी उस बस में पहले से ही बैठी हुई थी और मैंने उसे देखकर स्माईल दी तो उसने भी स्माईल देकर जवाब दिया और फिर में उनके पास में जाकर चिपककर बैठ गया और फिर मैंने अपना एक हाथ उसके पेट के पीछे से घुमाकर उसकी कमर पर रख दिया। उस दिन उसने नीले कलर का सूट पहना हुआ था और फिर जैसे ही मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा तो उसने अपनी चुन्नी से मेरा हाथ ढक दिया और फिर क्या था? मैंने तुरंत अपना हाथ उसके सूट के अंदर डालकर उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को पकड़ लिया। वाह दोस्तों क्या बूब्स था उसका, इतना बड़ा कि मेरे हाथों में नहीं आ रहा था और मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया दोस्तों उसके इतने टाईट बूब्स थे कि बस आप पूछो ही मत और वो भी अब धीरे धीरे सिसकियाँ लेने लगी आआहह ऊऊओह आईईईई और मुझसे चिपककर बैठ गयी।

फिर मैंने अपने हाथों से उसकी सलवार का नाड़ा खोला जिससे सलवार थोड़ी ढीली हो गयी और अब में उसकी चूत में उंगली करने लगा वो थोड़ी देर तो मज़े लेती रही, लेकिन फिर अचानक से उसने मेरा हाथ ज़ोर से झटका देकर हटा दिया और कहा कि यहाँ पर नहीं। फिर मैंने कहा कि ठीक है जैसा तुम चाहो, फिर उतरते वक़्त मैंने उससे पूछा कि क्यों कैसा लगा? तो उसने मुझे जवाब देने की जगह उल्टा मुझसे पूछा कि तुम्हे कैसा लगा? मैंने कहा कि मुझे तो बहुत मज़ा आया और फिर उसने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि तुमसे ज़्यादा मुझे मज़ा आया और उसके बाद हम लोगों ने उसी दिन से फोन सेक्स करना शुरू कर दिया और जब उसका पति घर पर नहीं होता वो मुझे कॉल करती और में उससे कहता कि अपनी चूत में उंगली डालकर मुझे याद करो और वो अपनी उंगली को चूत के अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगती जिसे सुनकर में भी उसके नाम की मुठ मारता और फिर में बहुत बेसब्री से इंतज़ार करता कि वो मौका कब आएगा जब में इस भाभी की चूत की खुजली अपने लंड से मिटाऊंगा और फिर आख़िर थोड़ा इंतजार करने के बाद वो दिन आ ही गया जिसका मुझे बड़ी बेसब्री से इंतजार था और वो दिन था उसका जन्मदिन। उस दिन सुबह ही मैंने उसे कॉल किया और उसे जन्मदिन की मुबारकबाद दी और उससे पूछा कि बताओ भाभी तुम्हे क्या चाहिए? तो उसने कहा कि जो में तुमसे माँगूंगी क्या वो तुम मुझे दोगे? तो मैंने कहा कि भाभी सब कुछ आप ही का है बेझिझक माँग लो, तो उसने कहा कि पहले एक बार सोच लो क्योंकि आज मेरा जन्मदिन है और में जो तुमसे माँगूंगी तुम्हे वो मुझे देना पड़ेगा? तो मैंने कहा कि भाभी आप माँगो में तैयार हूँ तो उसने कहा कि अगर ऐसा है तो तुम 1/2 घंटे में तैयार होकर पास वाले बस स्टॉप पर आ जाओ। मैंने कहा कि ठीक है और में समझ रहा था कि आज यह मुझसे चुदकर ही रहेगी। में नहाया और तैयार होकर मैंने पास के मेडिकल स्टोर से एक कंडोम का पेकेट ले लिया और बस स्टॉप पर जाकर उसका इंतजार करने लगा।

अब में इंतजार कर ही रहा था कि तभी एक ऑटो मेरे पास आकर रुका तो में एकदम हैरान हो गया और मैंने देखा कि उसमे मेरी हेमा भाभी बैठी हुई थी। उसने मुझे इशारा करके अंदर बुलाया और में अंदर चला गया और फिर ऑटो चल दिया। फिर उसने मुझे बताया कि आज का दिन वो मेरे साथ किसी होटल में बिताना चाहती है। दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरी तो ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा मैंने कहा कि ठीक है और ऑटो को एक होटल के पास रुकवाया और उस होटल में एक ए.सी. रूम बुक करवाया, रूम की चाबी लेकर हम लोग रूम की तरफ चले गए और जैसे ही हम लोग अंदर घुसे तो उसने तुरंत दरवाजे की कुण्डी लगा दिया और मुझसे लिपटकर कहने लगी कि जय प्लीज आज मेरी प्यास बुझा दो, में बहुत दिनों से प्यासी हूँ और वो मुझे कसकर चूमने लगी। फिर जब मैंने देखा कि यह तो बहुत जोश में है तो मैंने भी उसे कसकर अपनी बाहों में भर लिया और उसके होठों को ज़ोर से चूसने लगा। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर उसके पीछे जाकर उसके गले और गालों पर किस करने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को पकड़ लिया और अपना दूसरा हाथ उसकी चूत पर रखकर उसकी चूत को मसलने लगा। अब वो मेरी बाहों में बिन पानी की मछली की तरह छटपटाने लगी और फिर बेड पर बैठकर मुझे अपनी तरफ़ खींच लिया और उसने अपना सूट उतारकर फेंक दिया और अपनी ब्रा को भी उतार दिया। फिर मुझे उसका यह जोश देखकर बड़ी ख़ुशी हो रही थी और मैंने भी अपनी शर्ट को उतार दिया और उसके ऊपर लेटकर उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और तब मुझे बड़ी ख़ुशी हुई जब मैंने यह देखा कि उसके तो बूब्स से दूध भी आता है में उसकी एक चूची को हाथ में लेकर ज़ोर से दबाने लगा और दूसरी चूची को मुहं में भरकर पके आम की तरह चूसने लगा वो ज़ोर ज़ोर से सिसकने लगी और मुझसे कहने लगी कि हाँ चूसो जय और ज़ोर ज़ोर से चूसो आज मेरे दोनों दूध खाली कर दो, चूसो इन्हे कस कसकर चूसो। दोस्तों करीब 1/2 घंटे उसके बूब्स को चूस चूसकर मैंने एकदम लाल कर दिया और फिर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा भी खोल दिया और उसकी सलवार को उतार दिया और उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चूसने लगा उफ़फ्फ़ क्या खुशबू थी उसकी चूत की, मुझे तो उसकी चूत का जैसे नशा सा हो गया और फिर उसने मुझसे कहा कि तुमने मेरी चूत तो देख ली, लेकिन तुम अपना लंड कब दिखाओगे? फिर मैंने कहा कि यह अब तुम्हारा ही है मेरी जान तुम खुद ही देख लो, वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर मुस्कुराने लगी और फिर उसने मेरी पेंट को उतार दिया और मेरी अंडरवियर को भी उतार दिया और वो मेरे 6.5 इंच के लंड को देखकर बहुत खुश हो गई और अब वो मुझसे कहने लगी कि मेरे पति का लंड तो सिर्फ़ 3 इंच का है, आज पहली बार तुम्हारा लंड खाकर तो मेरी चूत तृप्त हो जाएगी और फिर वो लंड को अपने दोनों हाथों से आगे पीछे करने लगी और मुहं में लेकर लॉलीपोप की तरह चूसने लगी। दोस्तों मेरे लंड के साथ ऐसा करते ही मेरा तो दिमाग़ खराब हो रहा और में मन ही मन सोच भी रहा था कि क्या कोई इंडियन भाभी इतनी जोशीली भी हो सकती है? उसके बाद हम 69 पोज़िशन में आ गये और मैंने अपना लंड उसके मुहं में दे दिया और अपना मुहं उसकी चूत पर रखकर चाटने लगा।

दोस्तों भाभी और औरतों की चूत चाटना मुझे बहुत अच्छा लगता है और करीब 15 मिनट तक लगातार अपनी चूत चटवाने के बाद वो झड़ने लगी और उसने मेरे चेहरे को अपनी जांघो के बीच में दबा लिया और में उसके बाद उसकी चूत के पास आकर बैठ गया और अपना लंड उसकी चूत पर मारने लगा वो उछलने लगी और उसने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत पर रख लिया। फिर मैंने जैसे ही अपना लंड धीरे से धक्का देकर उसकी चूत में डाला तो उसके मुहं से आहहह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह निकल गयी और मैंने पूछा कि क्या हुआ? उसने कहा कि कुछ नहीं, तुम रूको मत, अपना पूरा लंड घुसेड दो मेरी चूत में और आज फाड़ दो इसको, बहुत खुजली है इसमें आज मिटा दो इसकी सारी खुजली। फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया तो एकदम से उछल पड़ी और छटपटाने लगी, लेकिन फिर थोड़ी देर छटपटाने के बाद वो बिल्कुल शांत हो गई तो में समझ गया कि अब यह अपनी चुदाई के लिए तैयार है और मैंने जोरदार झटके उसकी चूत में लगाने शुरू किए।

तभी वो मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरे होंठो को अपने होठों में लेकर चूस रही थी और उसके बाद मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा तो वो मुझसे मुस्कुराकर बोली कि तुम आज मुझे क्या क्या बनाओगे? तो मैंने उससे कहा कि मेरी जान जो में बनाता हूँ बस तुम बनती जाओ और तभी तुम्हे चुदाई का असली मज़ा आएगा और फिर वो घोड़ी बन गयी। फिर मैंने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में डाला तो वो अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी। अब मैंने कस कसकर उसकी चूत पर धक्के लगाना शुरू किया और वो ज़ोर ज़ोर से आआआहह ऊऊहहह्ह्ह्हह आईईईीस्स्शह कर रही थी और में लगातार झटके लगाए जा रहा था। फिर करीब 15 मिनट तक उसे ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसे सीधा लेटाकर उसके दोनों पैर अपने कंधे पर रख लिए जिसकी वजह से उसकी चूत एकदम टाईट हो गई और फिर मैंने उसकी चूत में अपना लंड जबरदस्ती घुसा दिया और उसे चोदना शुरू किया और करीब 15 मिनट लगातार चोदने के बाद वो झड़कर एकदम निढाल हो गयी, लेकिन में अभी भी पूरे जोश में था इसलिए में ताबड़तोड़ धक्के देकर उसे चोदता रहा और करीब दस मिनट उसे चोदने के बाद मैंने 15-20 धक्के बहुत उछल उछलकर मारे और मेरे हर एक धक्के के साथ वो आअहह उह्ह्ह्हह्ह ससउउम्म्म्ममह ऊऊऊहह कर रही थी। फिर 15-20 झटकों के बाद में झड़कर उससे चिपककर उसके ऊपर ही लेट गया और फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद मैंने उससे कहा कि क्यों एक बार और हो ज़ाये? तो वो तुरंत ही तैयार हो गई और वो मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर आगे पीछे करने लगी और फिर उसे मुहं लेकर धीरे धीरे चूसने लगी। उसके चूसने का स्टाईल बड़ा ही ग़ज़ब का था और करीब पांच मिनट चूसने के बाद मेरा लंड एक बार फिर से लोहे के समान तनकर खड़ा हो गया और वो अपनी चूत को मसलते हुए बोली कि हाँ आ जाओ मेरी रानी तैयार है जंग के लिए, लेकिन इस बार तुम कंडोम नहीं लगावोगे और में बिना कंडोम के तुम्हारे लंड से अपनी चूत मरवाना चाहती हूँ।

फिर मैंने कहा कि मेरे लिए इससे अच्छा और क्या हो सकता है? और अब मैंने बिना कंडोम के अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और वो मुझे पलटकर मेरे ऊपर आ गई और मेरे ऊपर बैठकर मेरे लंड पर उछलने लगी और में भी अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स को मसलने लगा और अब उसके दूध की धार मेरे सीने पर गिरने लगी, दोस्तों में आपको क्या बताऊँ कि वो क्या मस्त अनुभव था? में उसे शब्दों में भी नहीं बता सकता। वो करीब 15 मिनट तक लगातार मेरे ऊपर उछलती रही और फिर थककर नीचे आ गई। मैंने उसे अपनी गोद में उठाकर दीवार के सहारे खड़ा किया और उसके एक पैर को अपने हाथ में पकड़कर उसकी चूत में अपना लंड घुसेड़कर उसकी जोरदार चुदाई करने लगा। दोस्तों वो मुझसे चुदते वक़्त अपने एक पैर पर खड़ी नहीं हो पा रही थी और बार बार लड़खड़ा रही थी, लेकिन में उसे संभाले हुए था और कस कसकर उसे धक्के देकर चोद रहा था और वो कह रही थी कि शाबाश जय शाबाश तुमने आज मुझे चुदाई का असली मज़ा दिया है, अब मुझे जब भी मौका मिलेगा में तुमसे ही चुदवाउंगी तुम चोदो और ज़ोर से चोदो, आज दिखा दो अपने लंड का ज़ोर, हाँ ज़ोर से धक्का दो थोड़ा और अंदर डालो।

दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनते ही मैंने जोश में आकर उसे घोड़ी बनाया और पागलों की तरह ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसे चोदने लगा, लेकिन थोड़ी ही देर में वो झड़कर एकदम शांत हो गई और पांच दस मिनट उसकी चूत मारने के बाद में भी उसकी चूत में ही झड़ गया और हम बहुत देर तक एक दूसरे से चिपककर नंगे एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे। फिर उसने अपने कपड़े पहने और मेरे होठों पर किस करके अपने इस जन्मदिन के गिफ्ट के लिए मुझसे धन्यवाद कहा। फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी आप धन्यवाद बोलकर मुझे शर्मिंदा मत करो। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम इस धन्यवाद के हकदार हो क्योंकि तुमने मुझे आज वो दिया है जिसके लिए में बहुत सालों से तड़प रही थी और आज से तुम जब भी चाहो मुझे चोद सकते हो, तुम आज से मेरी इस चूत के असली मालिक हो। दोस्तों उसके बाद हम अपने अपने घर पर चले गए, लेकिन अब भी कई दिनों तक हमारी चुदाई का खेल चलता रहा और मैंने उसको करीब आठ महीने तक बहुत बार चोदा और अब उसके पति का तबादला कहीं और हो गया है और अब वो मुझसे जुड़ी हुई नहीं है ।।

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शेखर है और मेरी उम्र 22 साल, हाईट 5.8 इंच एकदम ठीक ठाक बॉडी, लेकिन में थोड़ा सा सांवला हूँ। दोस्तों यह कहानी मेरी और उस लड़की की है जो मेरे सबसे अच्छे दोस्त की बड़ी बहन है। उनका नाम नेहा है और उसकी उम्र 26 साल, उसकी हाईट 5.4 इंच, भरा हुआ बदन, गोरा चेहरा, बूब्स का साईज़ 32 पेंटी का साईज 34 और कमर 30 की है। दोस्तों उसे देखते ही हर किसी का दिल करता है कि बस एक बार वो चोदने को मिल जाए। वो दूसरे शहर में एक प्राइवेट नौकरी करती है और वो अपने घर पर कभी कभी आती है, क्योंकि उसको हर दिन आने जाने में बहुत दिक्कत होती है।

दोस्तों यह बात आज से कुछ दिनों पहले की है। उस समय मेरे दोस्त के पापा किसी दूसरे शहर में किसी काम से एक सप्ताह के लिए गये हुए थे और इसी बीच उसकी बड़ी बहन भी घर पर आ गई थी और वो भी दस दिनों के लिए और किस्मत भी देखो कि उसके घर पर समस्या भी उसी वक़्त आनी थी, मेरे दोस्त को मलेरिया हो गया और वो किसी हॉस्पिटल में भर्ती था और उसी शाम को जब मैंने फोन किया तो फोन उसकी माँ ने उठाया और जब मेरी बात हुई तो मुझे पता लगा कि वो हॉस्पिटल में है और वो यह बात कहकर रोने लगी। फिर उसके बाद मैंने उन्हें थोड़ा समझाया और फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा कि घर पर नेहा भी आई हुई है और वो हमारे लिए खाना बनाकर लेकर आएगी।

फिर मैंने उनसे कहा कि में खुद आपके लिए खाना लेकर आ जाऊंगा और में इस बहाने से आपसे भी मिल लूँगा। फिर उन्होंने कहा कि ठीक है और फिर मैंने फोन रख दिया और में शाम के 7 बजे अपने दोस्त के घर पर पहुंचा और मैंने देखा तो दरवाज़ा अंदर से बंद था, लेकिन कुण्डी नहीं लगी थी तो मैंने उसे धीरे से धक्का देकर खोला और अंदर चला गया। फिर मैंने देखा कि घर में पहली मंजिल पर कोई नहीं था और उनका घर दो मंजिल का है, नीचे रसोई और दो रूम और ऊपर दो रूम मुझे बहुत ढूंढने पर भी नीचे कोई नहीं दिखा तो में ऊपर वाले रूम में देखने चला गया और अब में देखता ही रह गया। दोस्तों अब इसे संयोग कहे या जो मर्ज़ी पड़े वो कहे, क्योंकि वहां का नज़ारा ही कुछ ऐसा था कि नेहा पूरी नंगी थी और वो अपने लेपटॉप पर कोई सेक्सी फिल्म देख रही थी और उसने लेपटॉप को अपने पेट पर रखा हुआ था और अपने दोनों पैरों को फैलाकर चूत में उंगली कर रही थी, वाह दोस्तों उसकी चूत तो मेरे सामने एकदम साफ नज़र आ रही थी और उसमें वो लगातार उंगली डाल रही थी, मेरा तो यह सब देखकर ही लंड खड़ा हो गया था और अब पेंट के बाहर आने को उतावला हो रहा था और नेहा अपने काम में बहुत व्यस्त थी तो उसे अब तक बिल्कुल भी खबर नहीं थी कि में उसे वहां पर खड़ा खड़ा देख रहा हूँ और जब उसने झड़ने के बाद लेपटॉप को बंद करने के लिए स्क्रीन को नीचे किया तो मुझे देखकर वो बिल्कुल चौंक गई और वो जल्दी से उठी और जल्दी से उसने अपनी टी-शर्ट औट केफ्री पहन ली, वो बहुत चकित थी और में भी उसी वक़्त नीचे आ गया। फिर वो भी नीचे घबराहट में आई और मुझसे बोली कि तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं, में तो खाना लेने के लिए आया हुआ था और मेरी आंटी से फोन पर बात हुई और उन्होंने मुझसे कहा था कि मुझे खाना हॉस्पिटल लेकर जाना है। फिर उसने कहा कि तुम यहाँ पर आए, लेकिन तुमने दरवाजा क्यों नहीं बजाया? फिर मैंने कहा कि पहले से ही खुला हुआ था तो में अंदर चला आया और वो उस समय बहुत गुस्से में थी और घबराई हुई भी। अब में समझ गया कि उसके मन में क्या क्या चल रहा था? तभी मैंने उससे कहा कि आप बिल्कुल भी टेंशन मत लो और में यह बात बाहर किसी से नहीं कहूँगा। फिर वो मेरी तरफ देखने लगी, लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा और कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि मैंने अभी खाना नहीं बनाया तो तुम रूको, में अभी बना देती हूँ और तब तुम ले जाना।

फिर मैंने कहा कि में अभी जा रहा हूँ और में एक घंटे बाद आ जाऊंगा। फिर वो बोली कि रुक जाओ, उसने मुझे पैसे दिए और बोली कि अंडे लेकर आ जाओ। फिर में बाजार गया और बीस मिनट में अंडे लेकर आ गया और उन्होंने खाना बनाया और मुझे दे दिया और में उसे लेकर हॉस्पिटल चला गया, में पूरे रास्ते उस सीन के बारे में ही सोचता रहा कि आज मेरा दिल उस पर आ गया और अब में बस उसे चोदना चाहता था। फिर में हॉस्पिटल से खाली बरतन लेकर वापस आया और नेहा को दे दिए। मैंने रास्ते में ही एक आइडिया सोचा था। मैंने घर पर जाते ही नेहा से कहा कि तुम्हारी माँ ने मुझसे आज रात को यहाँ पर रुकने को बोला है तो उसे यह बात सुनकर थोड़ा अजीब सा लगा, लेकिन वो भी उस समय घर में अकेली थी, एक लड़की वो भी रात में बिल्कुल अकेली घर पर तो उसने भी झट से मुझे हाँ कह दिया और वो मुझसे बोली कि चलो खाना खा लो। फिर हमने एक साथ बैठकर खाना खाया, लेकिन उस वक़्त हमने खाने के आलावा कोई और बात नहीं की।

फिर मैंने अपने घर पर फोन करके अपने घरवालों को बता दिया कि में आज घर पर नहीं आ रहा हूँ और अब में टेंशन फ्री था और नेहा ने अपनी मम्मी को कॉल नहीं किया। फिर उसने मुझे मेरे दोस्त के रूम में सोने को कहा और वो अपने रूम में चली गई, उसकी तरफ से कोई भी हलचल ना देखकर मुझे लगा कि अब मुझे ही कुछ करना पड़ेगा वरना आज भी लंड बिना चूत में घुसे ही सो जाएगा, बहुत देर तक में सोने की नाकाम कोशिश करता रहा, लेकिन मुझे नींद नहीं आई और आती भी कैसे उस घर में आते ही मैंने एक बार पहले ही जन्नत जो देख ली थी और उस पर आज वो घर पर बिल्कुल अकेली थी। फिर में उठा और उसकी रूम की तरफ़ गया और दरवाजा खटखटाया। फिर वो बोली कि कौन है? में बोला कि में शेखर तो उसने दरवाज़ा खोला और बोली कि क्या हुआ? मैंने कहा कि कुछ नहीं बस मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा कि आपके पास बैठकर थोड़ा बात ही कर लेता हूँ। फिर उसने कहा कि ठीक है आ जाओ अंदर वैसे भी बाहर बहुत ठंड है। फिर मैंने पूछा कि आप क्या कर रही थी?

फिर वो बोली कि में अपनी मैल चेक कर रही थी और हम दोनों उसके बेड पर एक रज़ाई में पैर रखकर बैठ गये और थोड़ी देर शांत रहने के बाद उसने कहा कि तुम यहाँ पर क्या ऐसे ही बैठने आए हो? तो में हंसने लगा और बोला कि नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। फिर उसने पूछा कि तो तुम मेरे भाई के बहुत अच्छे दोस्त हो? मैंने कहा कि हाँ तो वो बोली कि एक बात बताओ कि क्या उसकी कॉलेज में कोई गर्लफ्रेंड है? तो में एकदम सोच में पड़ गया कि बताऊँ या ना बताऊँ? फिर वो मुझे देखकर हंसने लगी और बोली कि कोई ज़रूरत नहीं तुम्हे बताने की मुझे उसके बारे में सब कुछ पता है और उसने मुझे वो सब बता रखा है तो मेरे दिमाग़ में अब एक सवाल आया और मैंने पूछा कि क्या आपको उसने सब कुछ बता रखा है? फिर वो बोली कि हाँ कि उसकी एक गर्लफ्रेंड है और वो एक बार उससे मिली भी है। अब मैंने कहा कि ठीक है, तब उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? मैंने तुरंत जवाब दिया कि नहीं। फिर वो पूछने लगी कि क्यों नहीं है? मैंने कहा कि बस ऐसे ही और फिर मैंने भी बातों ही बातों में पूछा कि क्या आपका कोई बॉयफ्रेंड? तो पहले उसने कुछ देर मेरी तरफ देखा और फिर बोली कि नहीं है। फिर मैंने पूछा कि क्यों नहीं है? आप मुझसे बिल्कुल भी झूठ मत बोलो आप इतनी सुंदर हो और आपका कोई बॉयफ्रेंड ना हो, में मान ही नहीं सकता। फिर वो बोली कि क्यों में इतनी अच्छी भी नहीं लगती हूँ? मैंने कहा कि आप मुझे बहुत अच्छी लगती है तो वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी, लेकिन अब मुझसे तो रहा ही नहीं जा रहा था तो मैंने उससे कहा कि में आपसे एक बात कहूँ तो कहीं आप बुरा तो नहीं मानोगी? फिर वो बोली कि हाँ बोलो तो मैंने कहा कि देखिए आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और ना ही मेरी कोई गर्लफ्रेंड, क्यों ना हम दोनों ही कपल बन जाते है? तभी उसने मुझे बहुत हैरानी से देखा, लेकिन कुछ नहीं बोली। फिर थोड़ी सी स्माईल दी और बोली कि देखो में तुमसे उम्र में बड़ी हूँ और तुम्हारे दोस्त की बड़ी बहन भी हूँ और तुम मुझसे ऐसा कैसे बोल सकते हो?

फिर में कुछ नहीं बोला और बिल्कुल चुपचाप कुछ सोचता रहा और अब तो में बस समझ गया था कि यह ऐसे ही बोलेगी और में सीधा अपनी बात पर आया और मैंने कहा कि आप आज शाम को क्या कर रही थी? वो मेरी यह बात सुनकर शर्मा गई और उन्होंने अपनी दोनों आँखे नीचे कर ली और बोली कि प्लीज तुम किसी से यह बात मत करना। फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन आपसे एक बात जरुर कहूँगा कि आपको अब सेक्स की बहुत ज़रूरत है और में वो आपसे कर सकता हूँ और मुझे आपके साथ ऐसा करने में कोई आपत्ति नहीं है। तभी वो बहुत गुस्सा होकर बोली कि तुम यह क्या बोल रहे हो और तुम्हे मुझसे इस तरह की बात करते हुये शर्म आनी चाहिए। अब में समझ गया था कि यह ऐसे सीधी तरह से नहीं मानेगी तो इसलिए मैंने उसे पकड़कर बेड पर लेटा दिया और उसके होंठो पर अपने होंठ रखकर किस करने लगा तो वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी और थोड़ी देर उसने अपना विरोध जारी रखा और फिर मैंने उसे किस करना बंद किया और उससे बोला कि देखो नेहा आज हम दोनों घर पर बिल्कुल अकेले है और आज जो शाम को मैंने देखा और उसे देखने के बाद मुझे ऐसा लग रहा था कि जिस चीज़ की ज़रूरत तुम्हे है वो में तुम्हे दे सकता हूँ और मुझे जिस चीज की जरूरत है वो तुम मुझे बहुत आसानी से दे सकती हो, इसमें हम दोनों का ही फायदा है और तुम चाहो तो सोचकर देख लो। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर वो मुझे बहुत गुस्से से मुझे देख रही थी और बस चुपचाप मेरी बातों को सुने जा रही थी। मैंने उसे बहुत देर तक समझाया और उकसाया भी, लेकिन वो लगातार सुनती ही रही और कुछ नहीं बोली और फिर में वहां से बाहर जाने लगा तो तभी मैंने सोचा कि क्यों ना एक बार और कोशिश की जाए? वो अब ठीक मेरे सामने खड़ी हुई थी तो में जाने के लिए उठा और जाने से पहले उसके पास गया तो उसने कोई हलचल नहीं की। फिर मैंने उसे कमर से पकड़ लिया और उसके होंठो पर होंठ रखकर किस किया और इस बार उसने साथ नहीं दिया, लेकिन में किस करता रहा और मुझे पता था कि थोड़ी देर में जब लोहा गरम होगा तो मज़ा बहुत आएगा और में उसे चूमता रहा और धीरे धीरे अपने हाथ को उसके बूब्स पर ले गया और धीरे धीरे दबाने लगा और थोड़ी देर बाद उसने भी हरकत करनी शुरू कर दी और अब वो भी किस्सिंग में मेरा पूरा साथ देने लगी और उसके हाथ हरकत में आने लगे और मेरे लंड को ऊपर से सहलाने लगी और अब में भी पूरा तैयार था। पहले मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया। फिर मैंने देखा कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी तो उसके सांवले रंग के निप्पल क्या मस्त लग रहे थे, उसके बूब्स एकदम टाईट थे, जैसे किसी ने आज तक कभी भी उनको दबाया ही नहीं था। अब हम दोनों किस करते रहे और में उसके बूब्स को दबाता रहा और मसलता रहा और अब मैंने उसकी केफ्री को उतारा तो मैंने देखा कि उसने तो पेंटी भी नहीं पहन रखी थी और अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी, मुझे उसके चेहरे से पता लग रहा था कि वो अब सेक्स करने के लिए बहुत उत्तेजित हो गई है और वो उस मौड़ पर खड़ी थी कि वो खुद अब कुछ नहीं करना चाह रही थी, लेकिन वो सेक्स करने के लिए एकदम तैयार थी, क्योंकि मैंने बिना कुछ कहे सुने उसके दिल की बात समझ ली थी और मैंने अपने कपड़े खुद उतार दिए और में भी नंगा हो गया और अब हम दोनों ही एक दूसरे से सामने पूरे नंगे थे और अभी तक वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी। फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया, उसने अपने दोनों पैरों को एकदम पूरा चिपका रखा था। फिर मैंने देखा कि उसकी चूत पर बिल्कुल भी बाल नहीं थे तो वो बेड पर दोनों आँखे बंद करके लेटी हुई थी तो में उसके ऊपर गया और उसके चेहरे के पास जाकर बोला कि नेहा प्लीज अब अपनी आँख खोलो और इस तरह से हम दोनों को सेक्स का मज़ा बिल्कुल भी नहीं आएगा।

फिर उसने बोला कि नहीं शेखर मुझे बहुत शर्म आ रही है। फिर मैंने कहा कि मेरी जान अब हम दोनों बिल्कुल नंगे है और तुम्हे शर्म छोड़कर सेक्स में मेरा साथ देना चाहिए और फिर उसने जैसे ही आँखे खोली तो मैंने उसे देखा और उसने स्माईल दी और हम किस करने लगे। मेरा लंड तो पूरा टाईट हो चुका था। फिर मैंने उसे किस करने के बाद उसके बूब्स को चूसना, दबाना शुरू किया। अब में तो उसके बूब्स को दबाने और चूसने में मस्त था और वो आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह आईईईईइ की आवाज़े निकाल रही थी, इन आवाज़ो से तो माहौल और भी गरम हो जाता है। फिर मैंने उसकी नाभि में अपनी जीभ को डाल दिया तो उसका पूरा बदन काँप गया और वो एकदम से सिहर गई और में थोड़ी देर उसकी नाभि को जीभ से चाटता रहा और उसके बाद मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाया और उसकी चूत के दर्शन किए। दोस्तों वाह क्या मस्त चूत थी और मुझसे तो रहा ही नहीं गया और में उसकी चूत के दाने को मुहं में लेकर चूसने लगा और वो आअहह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह करके करहाने लगी, में उसकी चूत को चाटे जा रहा था और वो तड़प रही थी। फिर पांच मिनट चूत चाटने के बाद में उठा और उसके पैरों को फैलाकर मैंने उसकी तरफ़ देखा तो वो मेरे चेहरे को देख रही थी।

फिर जब हम दोनों की निगाहे मिली तो क्या बताऊँ दोस्तों उसकी स्माइल कैसी थी? फिर मैंने उससे पूछा कि क्या अब लंड डाल दूँ? फिर वो मुझसे बोली कि हाँ जल्दी से डाल दो, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है और में लंड को पकड़कर उसकी चूत के मुहं पर रगड़ने लगा तो उसकी आँखे फिर से बंद हो गई। फिर मैंने चूत के छेद पर लंड को रखकर एक धक्का मारा तो लंड का सुपाड़ा अंदर घुस गया और वो दर्द से करहाने लगी और बोली कि प्लीज उह्ह्हह्ह शेखर थोड़ा आराम से करना वरना में मर जाउंगी, उह्ह्हह्ह्ह्ह थोड़ा धीरे से करो। फिर मैंने कहा कि मेरी जान तुम बिल्कुल भी टेंशन मत लो, बस मज़े करो और मैंने फिर एक बार उसे चूमा और चूमते हुए ही एक धक्का मारा और अब लंड पूरा का पूरा अंदर चला गया तो वो दर्द से कराह रही थी और उसका बदन कांप रहा था और में लंड को चूत में डालकर थोड़ी देर उसे किस करता रहा और फिर मैंने धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया और अब वो भी मज़े ले रही थी, उसका दर्द ख़त्म हो चुका था और अब मज़े की बारी थी। उसने अपने दोनों पैरों को पकड़कर मेरी कमर पर मजबूत कर लिया था और में धक्के मारे जा रहा था और किस किए जा रहा था और वो भी आहहहह आईईईईईइ हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे कह रही थी और अब उसकी आवाज़ धीरे धीरे तेज़ होती जा रही थी। फिर करीब दस मिनट तक में लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के मारता रहा और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। दोस्तों सच में मुझे उसकी चूत को चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था और थोड़ी देर बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने अपने धक्के और भी तेज़ कर दिए और जब में वीर्य निकालने वाला था तो मैंने सुरक्षा के लिए अपना लंड, चूत से बाहर निकाल लिया, लेकिन तुरंत ही उसने मेरा लंड पकड़ा और चूत के अंदर डालकर बोली कि अंदर ही निकालो, कोई ख़तरा नहीं है और फिर मैंने जोरदार धक्को के साथ उसकी चूत में ही अपना सारा वीर्य निकाल दिया और उस वक़्त वो जैसे जन्नत में थी और उसकी चूत की गर्मी जैसे अब बिल्कुल शांत हो गई थी, लेकिन किसी भी चूत की गर्मी कभी शांत नहीं होती यह तो मुझे बहुत अच्छे से पता है और में उसके ऊपर ही निढाल हो गया, थोड़ी देर बाद में उठा और मेरा लंड उसकी चूत में ही था। वो स्माईल कर रही थी और मेरे बालों को सहला रही थी। मैंने उसे किस किया और उसने भी मेरा साथ दिया।

फिर मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और उसके पास में लेट गया और हम दोनों पूरे नंगे लेटे हुए थे। फिर मैंने उससे पूछा कि जान कैसा लगा? तो वो मेरे ऊपर आई और मुझे किस करके बोली कि शेखर में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और तुम बहुत अच्छे हो। फिर मैंने भी कहा कि में भी तुमसे उतना ही प्यार करता हूँ। फिर मैंने उससे कहा कि एक बात बताओ तो वो बोली कि हाँ बोलो? तब मैंने उससे कहा कि मुझे यहाँ पर रुकने के लिए तुम्हारी माँ ने नहीं कहा था। मैंने वो तुमसे झूठ बोला था तो इस बात को सुनकर उसने मुझे किस किया और बोली कि बहुत अच्छा किया और अब जब तक मेरी फेमिली नहीं आ जाती तब तक तुम हर रात को यहाँ रह सकते हो जान। फिर मैंने उसे हग किया और एक बार फिर उससे पूछा कि एक बार और हो जाए तो वो हंसने लगी और मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया। दोस्तों उस रात हमने तीन बार चुदाई की और रात भर जागते रहे और बातें करते रहे और तब तक जब तक उसकी फेमिली नहीं आई और बिना किसी को पता लगे, हम दोनों हर रात को चुदाई के मज़े करने लगे और अब भी जब हमे समय मिलता है तो हम सेक्स करते है ।।

धन्यवाद …

शिमला में एक अजनबी ने मेरी सील तोड़ी - Shimla main Ajnabi ne Choda

शिमला में एक अजनबी ने मेरी सील तोड़ी - Shimla main Ajnabi ne Choda

हैल्लो दोस्तों, सबसे पहले में आप सभी को अपने बारे में बता देती हूँ, मेरा नाम रितिका है और में 21 साल की हूँ। में चंडीगढ़ की रहने वाली हूँ और में एक स्कूल में पढ़ती हूँ, मेरी हाईट 5.7 इंच है और में दिखने में भी बहुत सुंदर हूँ, मेरा रंग बहुत गोरा है और मेरा फिगर भी दिखने में बहुत अच्छा है। अब में आप सभी का ज़्यादा समय ना खराब करते हुए सीधा अपनी सच्ची घटना पर आती हूँ। दोस्तों में आज आप सभी को अपना पहला सेक्स अनुभव आप सभी कामुकता डॉट कॉम के चाहने वालों को सुनाने जा रही हूँ जिसके बाद मेरा सोचने, समझने का तरीका बदल गया। यह मेरी सच्ची घटना है और में उम्मीद करती हूँ कि यह आप सभी को जरुर पसंद आएगी।

दोस्तों यह बात एक साल पहले की है जब में 20 साल की थी और में अभी जवानी के उस दौर से गुजर रही थी जिससे सभी लड़कियां एक बार जरुर गुजरती है मेरे बूब्स, कमर, गांड, चूत मेरे जिस्म के हर एक अंग ने अपना आकार बदल लिया था और मेरी चूत पर बहुत सारे छोटे छोटे बाल उगने लगे थे, मेरे बूब्स की निप्पल अब थोड़ी थोड़ी बाहर नजर आने लगी थी और अपने गदराए हुए बदन का वो बदलाव में खुद महसूस करने लगी थी। दोस्तों वैसे तो में एक बहुत ही अच्छे घर की लड़की हूँ, लेकिन मैंने तब तक कभी भी कोई गलत काम नहीं किया था और मुझे मन में कभी कभी अपने जिस्म को देखकर कुछ कुछ होता था, लेकिन मेरी चूत अब तक कुंवारी थी और हर कोई उस समय मेरे जिस्म का बहुत पागल था क्योंकि में चेहरे से बहुत अच्छी दिखती थी और वैसा ही मेरा सेक्सी बदन भी था जो हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर ले। दोस्तों एक दिन हमारे स्कूल का टूर एक हिल स्टेशन के लिए जाना था और हम सभी ने निर्णय किया कि हम शिमला जाएँगे और वो हमारा तीन दिन का टूर था।

फिर मैंने अपने घर पर इस बारे में बात की तो मेरे घर के सभी लोग खुशी खुशी मान गये क्योंकि हमारे सर भी हम लोगों के साथ जा रहे थे और मेरे घरवालों को मेरी फ़िक्र करने की बिल्कुल भी ज़रूरत नहीं थी। फिर हमारा टूर शुरू हुआ और हम सभी ने वहां पर बहुत मज़े किये, लेकिन मुझे क्या पता था कि इस टूर के बाद मेरी लाईफ इस तरह बदल जाएगी? हम पांच घंटे के सफर के बाद शिमला पहुंच गये और वहां पर एक अच्छी सी होटल में हमारा रहने का इंतज़ाम किया गया था। वहां पर मेरे साथ मेरे रूम में दो और लड़कियाँ थी और हमारा रूम आखरी वाले रूम से पहले था। उस दिन हम सभी लोग बाहर घूमने चले गये, लेकिन उस दिन थोड़ा समय बीतने के बाद शाम होने वाली थी तो हम लोग जल्दी वापस आ गये। फिर जब हम अपने रूम में अंदर जा रहे थे तो हमने देखा कि आखरी वाला रूम जो हमारे पास साथ वाला रूम था उसमे एक अंकल अंदर जा रहे है वो दिखने से वहीं के लग रहे थे और उनकी उम्र करीब 45 साल की होगी और उनकी हाईट भी 6.6 होगी और वो थे भी बहुत हट्टे-कट्टे। हमें देखकर उन्होंने हमसे हैल्लो किया और थोड़ा सा हमारे बारे में पूछा (दोस्तों में उनकी बोली हुई इंग्लिश की बातें भी आप सभी को हिन्दी में ही बताउंगी जिससे आपको ज़्यादा मजा आएगा) फिर हमने उन्हे बताया कि हमारे स्कूल का टूर यहाँ पर आया हुए है, लेकिन मैंने देखा कि वो अंकल मुझे बातें करते समय बहुत ध्यान से देख रहे थे और उनकी आखें मेरे जिस्म को खा जाने वाली नजरो से घूर रही थी। फिर वो कुछ देर हमसे बात करने के बाद अपने रूम में चले गये और हम भी अपने रूम में चले गए, लेकिन उनका मुझे इस तरह से घूर घूरकर लगातार देखना बहुत अजीब भी लगा और मेरे दिल ही दिल में कुछ हुआ भी। फिर उसके अगले दिन हम सभी तैयार होकर होटल के बाहर आ गये, लेकिन कुछ देर बाद मुझे याद आया कि में अपना कुछ सामान अपने रूम में भूल आई थी और फिर में अपने सर से कहकर वो सामान लेने अपने रूम में आ गई और जब में अपने रूम में अंदर जा रही थी तभी मैंने देखा कि वो अंकल भी अपने रूम से बाहर आ गये और उन्होंने मुझसे हैल्लो कहा और फिर वो मुझसे कहने लगे कि उनकी बेटी भी दिखने में बिल्कुल मेरे जैसी ही है, लेकिन बस उसका रंग उसके पापा पर गया है।

फिर उन्होंने मुझसे मेरे बारे में और भी बहुत कुछ पूछा, मुझे अब उनसे बात करके बहुत अच्छा लगने लगा। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि वो मुझे एक तोहफा देना चाहते है, मैंने कहा कि हाँ दे दीजिए तो उन्होंने कहा कि उस तोफे के लिए मुझे एक दिन उनके साथ घूमना होगा और वो भी किसी को बिना बताए। अब मैंने कहा कि नहीं ऐसा नहीं हो सकता तो उन्होंने मुझसे कहा कि में तुम्हे अपनी बेटी समझकर यह बात कह रहा हूँ और मुझे बहुत देर तक समझाया। फिर मैंने कहा कि में अकेली आपके साथ नहीं रह सकती क्योंकि मेरे सर मुझे आपके साथ अकेला नहीं जाने देंगे। फिर उन्होंने मुझसे कहा कि कल सुबह जब सभी लोग बाहर घूमने जाएँगे तो तुम किसी भी बीमारी का बहाना बनाकर यहीं पर रुक जाना और फिर हम साथ में चलेंगे। अब मैंने उनसे कहा कि ठीक है, कल देखेंगे क्या होता है? और उनसे यह बात कहकर मैंने रूम से अपना सामान लिया और फिर नीचे चली गई।

दोस्तों उस दिन हमने बहुत मजे मस्ती किए और फिर रात को खाना खाकर सोने के लिए अपने अपने रूम में आ गये, लेकिन मुझे अब नींद नहीं आ रही थी क्योंकि में यह बात सोच रही थी कि में झूठ बोलूं या नहीं? फिर मैंने सोचा कि गिफ्ट तो मुझे जरुर लेना है, लेकिन में उनके साथ घूमने नहीं जाउंगी और में उनके साथ यहीं होटल में बैठकर बातें करूँगी। फिर अगले दिन जब सभी घूमने बाहर जा रहे थे तो मैंने अपनी सर से कहा कि मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है और में आज उनके साथ नहीं जा सकती। फिर मेरे सर ने मुझसे वहीं पर आराम करने के लिए कहा और फिर वो सभी चले गए और आधे घंटे के बाद मुझे अपने पास वाले रूम के दरवाजे की आवाज़ सुनाई दी तो में झट से बाहर आ गई और अब मैंने देखा कि वो अंकल बिल्कुल तैयार थे और उन्हे मुझे देखकर बहुत खुशी हुई। फिर उन्होंने मुझसे चलने के लिए बोला तो मैंने उन्हें सारा कुछ बता दिया, उन्होंने कहा कि ठीक है हम दोनों उनके रूम में बैठकर बातें करेंगे। अब में भी उनकी यह बात मान गई और में उनके रूम में चली गई तो उन्होंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और मुझसे बैठने के लिए बोला। फिर उन्होंने मुझसे कोल्डड्रिंक पीने के लिए कहा, लेकिन मुझे जरा सा भी एहसास नहीं था कि उसमे बेहोशी की दवा हो सकती है। फिर मैंने उस कोल्डड्रिंक को पी लिया और में थोड़ी देर बाद बेहोश हो गई और जब मुझे होश आई तो मैंने देखा कि में बिना कपड़ो के बिस्तर पर पड़ी हुई थी और वो अंकल मेरे पास बैठे हुए थे। यह सब देखकर में एकदम से बहुत डर गई और में कहने लगी कि यह आपने मेरे साथ क्या किया? तो अंकल मुझसे हंसकर बोले कि उन्होंने अभी तक कुछ नहीं किया, लेकिन वो बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। अब मैंने उनसे कहा कि मुझे अपने रूम पर जाना है, तो अंकल मुझसे बोले कि तुम प्लीज एक बार मेरे साथ सेक्स कर लो उसके बाद तुम अपने रूम पर चली जाना।

फिर मैंने उनसे कहा कि प्लीज मुझे जाने दो, वो मुझसे बोले कि अगर तुम गई तो में तुम्हारी फोटो नेट पर अपलोड कर दूँगा प्लीज मेरे साथ एक बार सेक्स करो तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो इसलिए मैंने तुम्हे अभी तक कुछ नहीं किया। दोस्तों अब मेरे पास कोई और चारा भी नहीं था और अब में उनकी यह बात चुपचाप मान गई। अब अंकल ने मुझसे कहा कि तुम एकदम सीधी लेट जाओ पहले मुझे तुम्हे सेक्स के लिए तैयार करना है और फिर में उनके कहने पर बेड पर सीधी लेट गई अंकल मेरे दोनों पैरों के बीच में आकर बैठ गए और अब वो मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे। दोस्तों मैंने महससू किया कि उनके हाथ इतने बड़े थे कि मेरे बूब्स उनके सामने छोटे लग रहे थे, लेकिन उनके मेरे बूब्स को दबाने से मुझे अब बहुत मजा आ रहा था और में मन ही मन अब बहुत खुश थी। फिर उन्होंने अपना मुहं मेरे एक बूब्स पर रख दिया और अब वो मेरे बूब्स को चूसने लगे में तो उनके ऐसा करने से जैसे एकदम सुन्न पढ़ गई, मुझे इतना मजा आया कि में शब्दों में नहीं बता सकती और पांच मिनट एक बूब्स को चूसने के बाद उन्होंने मेरा दूसरा बूब्स चूसना शुरू किया। वो इतनी ज़ोर से चूस रहे थे जैसे मेरा पूरा दूध आज ही पी जाएँगे।

फिर वो उठकर मेरे पैरों के बीच में आ गये और अब वो मेरी चूत को सहलाने लगे जिसकी वजह से मुझे बहुत गुदगुदी हुई और में ज़ोर से हंसने लगी। अब उन्होंने अपना मुहं मेरी चूत पर रख दिया और मेरी चूत को चूसने लगे। जब उन्होंने अपनी जीभ पहली बार मेरी चूत में डाली तो अचानक से मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरे शरीर में बिजली दौड़ गई हो और मुझे अब उनके यह सब करने से बहुत मज़ा आ रहा था और मेरी चूत अब धीरे धीरे गीली भी हो रही थी। फिर उन्होंने अपनी एक उंगली को मेरी चूत में डाल दिया जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हुआ और अब मैंने उन्हें उंगली बाहर निकालने के लिए बोला तो वो मुझसे बोले कि तुम्हारा सब दर्द अभी कुछ देर में ठीक हो जाएगा और अब वो बहुत जल्दी जल्दी अपनी उंगली को अंदर बाहर कर रहे थे और अब मुझे भी बहुत मजा आने लगा था और मेरा दर्द धीरे धीरे खत्म होने लगा था। अब वो अपने कपड़े उतारने लगे और उनका शरीर दिखने में बहुत मस्त था जब उन्होंने अपनी अंडरवियर उतारी तो उनका वो करीब 6 इंच लंबा 3 इंच मोटा सांप जैसा काला लंड मेरी आखों के सामने आ गया वो दिखने में बहुत मोटा था मेरी कलाई जितना मोटा। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

अब अंकल मुझसे बोले कि चलो अब इसे चूसो। मैंने डरते हुए कहा कि यह तो बहुत बड़ा है और मेरे मुँह में नहीं जाएगा तो वो बोले कि यह तो अभी आधा है जब तुम इसे चूसोगी तो पूरा खड़ा हो जाएगा और तुम्हे भी बहुत मजा आएगा। फिर जब मैंने उनके लंड को अपने हाथ में पकड़ा तो मैंने महसूस किया कि वो बहुत गरम था और वो मेरे हाथों में पूरा ठीक तरह से आ भी नहीं रहा था और फिर में उसे अपने दोनों हाथों से पकड़कर अपने मुँह के करीब ले गई। फिर उन्होंने मुझसे लंड को मुँह में लेकर चूसने को कहा में भी अब बहुत गरम हो चुकी थी और उनके साथ सेक्स करना चाहती थी इसलिए में उनकी सभी बातें एक एक करके मान रही थी। अब मैंने अपना पूरा मुँह खोला और लंड का टोपा धीरे से अंदर ले लिया, लेकिन वो और अंदर नहीं जा रहा था और इसलिए अंकल उसे ऐसे ही थोड़ा थोड़ा हिलाने लगे। कुछ देर बाद मेरे मुँह की गरमी से लंड अब और भी बड़ा होने लगा था। जब मैंने लंड को अपने मुहं से बाहर निकाला तो वो 8 इंच लंबा हो गया और में तो उसका इतना बड़ा आकार देखकर एकदम से डर गई, लेकिन फिर मुझे देखकर अंकल हंसने लगे और अब वो मुझसे बोले कि अब यह तेरी चूत में जाएगा और में तुझे चोदूंगा। फिर मैंने उनसे कहा कि में इतना बड़ा और मोटा लंड नहीं ले सकती मुझे बहुत दर्द होगा और इससे मेरी चूत फट जाएगी, प्लीज अब मुझे जाने भी दो। फिर वो बोले कि तुम्हे इसे लेने में बहुत मजा आएगा, तुम एक बार इसे लेने की कोशिश तो करो और यह बात कहकर उन्होंने मुझे बेड पर सीधा लेटा दिया और अब मेरी चूत को चाटते हुए अपना सलाइवा छोड़ने लगे। उन्होंने बहुत सारा सलाइवा मेरी चूत पर निकाल दिया और फिर उन्होंने अपने लंड को अंदर जाने के लिए तैयार कर रखा था, लेकिन उनके बड़े मोटे लंड का और मेरी प्यारी छोटी चूत का कोई मुकाबला ही नहीं थी, मेरी चूत बहुत छोटी नाजुक सी थी जो अभी अभी जवान हुई थी।

अब उन्होंने लंड को चूत के मुहं पर पकड़कर ज़ोर लगाया और फिर उन्होंने अपने लंड का टोपा मेरी चूत के अंदर डाल दिया, लेकिन उस दर्द से मेरी तो जान ही निकल गई और में उन्हे अपने ऊपर से हटाने लगी, लेकिन वो इतने भारी थे में कुछ ना कर सकी, में बस उस दर्द से तड़पती रही। वो अब थोड़ा रुककर मुझे किस करने लगे और मेरे बूब्स को चूसने लगे और थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कम हुआ तो वो अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे। उन्होंने अभी और लंड अंदर नहीं डाला और वो बस उतना ही लंड अंदर बाहर करते रहे। फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने एक ज़ोर का झटका मारा और दो इंच लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया। उस दर्द के मारे मेरे मुहं से बहुत ज़ोर से चीख निकल गई, लेकिन अंकल ने अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख दिया और फिर चूसते रहे जिसकी वजह से मेरी चीखने चिल्लाने की आवाज़ बाहर नहीं निकल सकी। अब मैंने महसूस किया कि मेरी चूत से खून बाहर आ रहा था और अब में धीरे धीरे बेहोश होने वाली थी। अंकल मेरे बूब्स को लगातार मसल रहे थे और मुझे किस करते रहे, जिसकी वजह से मुझे अच्छा लगने लगा, में बहुत जोश में थी और अब थोड़ी देर के बाद मैंने भी उनका पूरा पूरा साथ देना शुरू कर दिया और अब अंकल ने एक बार फिर से मेरी चूत में धक्के मारने शुरू कर दिए। वो धीरे धीरे अपना लंड मेरे अंदर करते जा रहे थे और ऐसे करते करते उन्होंने मेरी चूत के अंदर अपना थोड़ा लंड और डाल दिया जिसकी वजह से मेरी जान निकली जा रही थी और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी चूत आज दो हिस्सों में हो जाएगी।

अब अंकल ने अपना लंड और अंदर नहीं डाला और वो लंड को अंदर बाहर करने लगे। मुझे लगा कि उनका सारा लंड अंदर चला गया है और मुझे खुद भी बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि उनका इतना बड़ा लंड मेरी छोटी सी चूत के अंदर चला गया है। में अब जोश में आकर उछल उछलकर अंकल का साथ देने लगी थी। फिर मैंने उनसे कहा कि देखा अंकल मैंने आपका सारा लंड अंदर ले लिया है तो वो कुछ नहीं बोले, बस मुस्कुराने लगे, लेकिन जब उन्होंने अपने लंड को बाहर निकालकर मुझे दिखाया तो में उसकी लम्बाई को देखकर एकदम से हैरान रह गई कि अभी भी लंड का एक हिस्सा बाहर है। उनका पूरा लंड खून से भरा हुआ था और जब मैंने अपनी चूत देखी तो में वो खून देखकर बहुत डर गई। मेरी चूत भी अब फट गई थी और मुझे उसे देखकर नहीं लगता था कि वो अब किसी और के लायक रह गई थी क्योंकि अंकल का लंड इतना मोटा था और उसने मेरी चूत को फाड़कर फैला दिया था। अब अंकल मुझसे बोले कि तुम बिल्कुल भी डरो मत, ऐसा कुछ नहीं है और ऐसा पहली बार चुदाई करते समय सभी के साथ होता है। फिर उन्होंने मुझे एक बार फिर से लेटा दिया और अब उन्होंने धीरे धीरे फिर से अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। में दर्द के साथ सिसकियाँ लेने लगी और अब अंकल ने अपनी स्पीड को बड़ा दिया और पूरा लंड बाहर निकालकर फिर से अंदर डाल दिया।

दोस्तों उन्हे तो यह सब देखकर ही बहुत मजा आ रहा था कि वो आज अपने से इतनी छोटी उम्र की कुंवारी लड़की को चोद रहे थे और उसकी चूत को फाड़ रहे है और मुझे मन ही मन यह बात सोच सोचकर जोश आ रहा था कि मैंने आज पहली बार में ही इतना बड़ा लंड ले लिया था। अब अंकल पूरे ज़ोर से मेरी चूत में लंड डाल रहे थे और हम दोनों पसीने में पूरी तरह भीग गये थे। फिर 15 मिनट की चुदाई के बाद अंकल मुझसे पूछने लगे कि क्या में अपना पूरा लंड अंदर डाल दूँ? तो मैंने झट से हाँ कह दी। फिर अंकल ने एक ज़ोर का धक्का मारा जिसकी वजह से मुझे लगा कि उनका लंड जैसे मेरी गर्दन तक आ गया हो और मुझे लगा कि अब सारा लंड अंदर चला गया है और उस दर्द की वजह से में मर रही थी, लेकिन में पूरा लंड अंदर लेने के जोश में बस यह सब कुछ करवा रही थी और जब मैंने देखा तो अभी भी दो इंच लंड बाहर था। मुझसे बिना कुछ बोले अंकल ने एक और ज़ोर का झटका मारा और अब पूरा का पूरा लंड मेरे अंदर चला गया और में उस दर्द से एकदम से तड़प उठी, लेकिन अंकल की आँखों में इतनी हवस थी कि वो मुझे पागलों की तरह किस कर रहे थे। फिर थोड़ी देर बाद मैंने उनसे कहा कि अंकल प्लीज अब करो ना मेरी चूत में और अंकल मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम से पागल हो गये और अब उन्होंने पूरा लंड बाहर निकालकर मेरी चूत में डाल दिया, लेकिन अब मुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं हो रहा था और अंकल बहुत तेज तेज कर रहे थे। अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था।

फिर दस मिनट करने के बाद अंकल ने मेरी चूत में ही अपना वीर्य निकाल दिया, उनके लंड से इतना वीर्य निकाला जैसे किसी घोड़े का होता है और वो मेरी चूत में पूरा भरकर बाहर बहने लगा जिसकी वजह से वो चादर वीर्य और मेरे खून से पूरी गीली हो चुकी थी और उसके बाद भी उन्होंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला। फिर वो मुझ पर ही लेट गये और मेरे चेहरे को चूमने लगे और मेरे बूब्स को मसलने लगे। फिर कुछ देर बाद में उनसे लिपटकर सो गई। उस वक़्त वो मेरे लिए सबसे अच्छे व्यक्ति थे ।।

कच्ची कली की जबरदस्त चुदाई - Kachhi Kalli Ki Jabrdust Chudai

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गर्म भाभी की ब्रा और पेंटी का कमाल - Bhabhi Chudai Kahani

गर्म भाभी की ब्रा और पेंटी का कमाल - Bhabhi Chudai Kahani

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शाहिद है और मेरी लम्बाई 5.10 फिट और मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच है दोस्तों में आज आप सभी को अपनी भाभी की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, वैसे में उन्हें चोदने के सपने बहुत देखा करता था और फिर एक दिन मेरा वो सपना सच हुआ और मुझे उनकी चुदाई करने का मौका मिला और आज में उसकी चुदाई की घटना को आप सभी को पूरा विस्तार से सुनाने जा रहा हूँ। यह मेरी कामुकता डॉट कॉम पर पहली कहानी है और अब में अपनी भाभी के बारे में भी थोड़ा बहुत बता देता हूँ। दोस्तों मेरी भाभी बहुत सेक्सी है, उनका नाम ऋतु है वो बहुत फिट है और उनकी गांड का साईज 34 और बूब्स और कमर बहुत हॉट, सेक्सी 24 है जिनको देखकर मेरा लंड अपना आकार बदलकर पेंट से बाहर आने लगता था। दोस्तों वैसे में शुरू से ही चूत का बहुत दीवाना लड़का हूँ और मैंने अब तक बहुत सी लड़कियों को चोदा है, लेकिन वो सब की सब मेरी ही उम्र की थी उनमे से बहुत लड़कियों की चूत की सील मैंने तोड़ी थी।

दोस्तों में हमेशा से ही अपनी पड़ोस में रहने वाली सेक्सी भाभी को हवस की नज़रों से देखता था और उनको चोदने के ख्यालों को सोचकर मुठ मारा करता था। में हमेशा सोचता था कि जब में अपनी भाभी को चोदूंगा तो मुझे कितना मज़ा मिलेगा? में सबसे पहले उनकी चूत को चूसूंगा और उनकी गीली चूत का पानी पी जाऊंगा और जब यह सब करने का मुझे मौका मिला तो मैंने उसका पूरा पूरा फायदा उठाया और आज तक भी उठता आ रहा हूँ। दोस्तों यह बात इसी साल की है और उस समय मेरी भाभी के घर पर हम सब रिश्तेदार गए हुए थे और में उनके घर पर ऐसे ही घूम रहा था और जब मैंने देखा कि भाभी ने अपने कुछ कपड़े धोकर सुखा रखे है तभी मैंने देखा कि उन कपड़ो में भाभी की ब्रा और पेंटी भी थी। तो में वहाँ गया और फिर इधर उधर देखकर चुपके से उनकी पेंटी को उठाकर चाटने लगा। मैंने देखा कि उनके पास बिस्तर गरम करने वाली बहुत सी जालीदार ब्रा और पेंटी थी क्योंकि मैंने उनके बाथरूम में भी ऐसी ही चुदम चुदाई वाली ब्रा देखी थी जिसको देखकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया था और उनके पास एक कृत्रिम लंड भी था जो आकार में बहुत बड़ा था शायद वो उसे अपनी चूत में डालकर अपनी चूत को ठंडा करती थी। फिर मैंने उनकी एक नीले कलर की जालीदार सेक्सी ब्रा उठाई और उसे चाटने लगा। में बहुत देर तक उसे सूँघता रहा और चाट रहा था तो इतने में मैंने पीछे मुड़कर कर देखा कि भाभी मुझे शरारती नज़रों से देख रही थी। दोस्तों मेरी भाभी मुझसे ज़्यादा बड़ी नहीं है, वो मुझसे उम्र में सिर्फ़ 8 साल बड़ी है। अब मुझे इस तरह उनकी ब्रा को चाटते सूंघते हुए देखकर उनकी चूत भी अब गरम होने लगी थी, लेकिन उस समय सब लोग घर पर थे इसलिए भाभी चुपचाप मेरे पास आई और मेरा लंड पकड़कर बोली कि क्यों बहुत गरमी है ना तुझमे, थोड़ी अपनी गरमी मुझे भी दे दे और फिर वो मेरे होठों पर चूमने लगी। हम बहुत देर तक एक दूसरे को चूमते, चूसते रहे और अब में उनके बूब्स को दबा रहा था। फिर भाभी ने कहा कि इससे पहले कि कोई यहाँ पर आ जाए तुम मुझसे दूर हो जाओ हम इस काम को बाद में लगातार करेंगे। फिर में अपने खड़े लंड को वहां से लेकर बाथरूम में चला गया और मैंने उनके नाम की मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया, लेकिन अब हम दोनों एक दूसरे को पूरा दिन हवस भरी नज़रों से देखते रहे और उसके बाद में अपने घर चला गया।

फिर हम जब भी मिलते थे तो में भाभी को उनके घर के बाथरूम में ले जाकर चूमा करता था और उनके बूब्स का दूध मुझे बहुत अच्छा लगता था। हम दोनों घंटों तक लगातार स्मूच किया करते थे और भाभी भी पूरा दिन गरम ही रहती थी क्योंकि भैया अधिकतर समय अपने ऑफिस के कामों से घर के बाहर ही रहते थे जिसकी वजह से वो लंड के लिए बहुत तरसती थी और मुझे उन पर शक भी था कि भाभी किसी पड़ोसी से भी चुदवाती है और अब में उन्हे यह कहकर हमेशा डराता था कि में भैया को यह बता दूँगा कि उनकी चूत कितने पराए लंड अंदर ले चुकी है और में भाभी को यही सब कहकर बातों ही बातों में उनकी पेंटी में हाथ डाल दिया करता था और उनके मुहं में अपना लंड देता था। उनके मुहं को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता और में हमेशा अपना वीर्य उनके मुहं में ही डालता था, लेकिन वो मेरा वीर्य जिस तरह से पीती और अपनी जीभ से चाटकर साफ करती थी तो मुझे अब शक होने लगा कि कहीं मेरे भैया ने किसी रांड से शादी तो नहीं कर ली।

भाभी चुसवाते वक़्त पूरे जोश में होती थी और उनकी सिसकियों की आवाज आआहह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह मेरे लंड को खड़ा कर देती थी, लेकिन भाभी कभी भी मुझे चोदने नहीं देती थी, बस वो मेरे साथ स्मूच करती थी और अपने बूब्स को मुझसे दबवाती, चूसने को कहती, अपनी चूत चाटने देती और मेरा लंड चूसती थी, लेकिन अपनी चूत की चुदाई नहीं करने देती थी। फिर एक रात को में अपने घर पर अपनी पड़ोस में रहने वाली आंटी के बारे में सोच सोचकर मुठ मार रहा था कि तभी भाभी ने मुझे फोन किया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारे भैया बिजनेस ट्रिप के लिए हांगकांग जा रहे है तो उन्हे एरपोर्ट तक छोड़ना है, लेकिन भाभी बिना कहे मेरा लंड माँग रही थी और में उनका कहना समझ गया था। फिर में उनके घर पर पहुंचा और भैया को एरपोर्ट छोड़कर आया और जैसे ही में घर पर वापस गया तो मैंने देखा कि भाभी अपने कमरे में बिस्तर पर उसी ब्रा और पेंटी में सो रही थी जिसे मैंने चाटा था, उन्हे इस हालत में देखकर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया और में पीछे से गया और अब पास जाकर उनकी गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा और फिर जैसे ही उनकी नींद खुली तो वो भी मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी और में फिर से उन्हे चूमने लगा। मैंने उन्हे 15 मिनट तक होठों पर स्मूच किया और उनके बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबा रहा था, लेकिन बस अब बहुत हो चुका था और अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था तो मैंने भाभी की ब्रा को खोला और उनके गरम निप्पल पीने लगा। मैंने भाभी से कहा कि आज तो में तुम्हे जरुर चोद दूँगा, तो भाभी मुस्कुराकर मुझसे बोली कि हाँ इसलिए ही तो मैंने तुझे आज यहाँ पर बुलाया है, आज तू जी भरकर चोद ले अपनी भाभी को। दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनते ही मेरा लंड तो एकदम से तन गया और उसी वक़्त मैंने भाभी की पेंटी को फाड़ दिया और भाभी को 69 पोज़िशन में अपने ऊपर ले लिया, में उनकी चूत को छू रहा था और वो मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी और भाभी की उहहह्ह्ह आआअहह सुनकर मेरी हवस और भी बड़ रही थी। में बिल्कुल पागल हुआ जा रहा था और वो मुझसे बोली कि साले, मादरचोद, बहनचोद तेरा लंड बहुत मीठा है। तो मैंने कहा कि भाभी आपकी चूत भी कुछ कम खट्टी मीठी नहीं है और 15 मिनट चूसने चाटने के बाद मैंने भाभी को उल्टा करके उनकी भीगी हुई चूत में अपना लंड डाल ही दिया, लेकिन दोस्तों उनकी चूत बहुत बार हर तरह से लंड से चुदने के बाद भी बहुत टाईट थी आहह्ह्ह्हह आईईईईई माँ मेरी थोड़ा धीरे धक्का दे, भाभी बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और गालियां देने लगी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

दोस्तों जब वो रंडी मुझे हाँ और ज़ोर से चोद साले, मादरचोद, बहनचोद बोल रही थी तब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था जब और जब उन्होंने मुझे अपने हाथों से जकड़ रखा था तब उनके नाख़ून मेरी छाती पर निशान बना रहे थे, लेकिन फिर भी मैंने उनसे कुछ भी नहीं कहा क्योंकि में अब पूरी तरह से भाभी के गरम जिस्म के वश में था और मेरा लंड और खड़ा होता जा रहा था। मैंने भाभी को लेटाकर बहुत देर तक चोदा और जब मेरा लंड उनकी बच्चेदानी पर टकराता तो भाभी की चीख निकल जाती। भाभी को उछल उछलकर चोदने में जो मज़ा आ रहा था वो मुझे आज तक किसी को चोदने में नहीं आया था। दोस्तों करीब आधा घंटा भाभी को लगातार ठोकने के बाद जब मेरा लंड वीर्य से भर गया तो मैंने अपना लंड उनके बूब्स के बीच में फंसा दिया और उनके बूब्स के बीच में लंड हिलाते वक़्त मेरा वीर्य निकल गया और मैंने वो उनके मुहं में भर दिया और भाभी मेरा वीर्य बहुत प्यार से पी गई उनको वीर्य पिलाने के बाद में फ्री हो गया, लेकिन भाभी अभी भी बहुत जोश में और गरम थी और मुझमें इसके आगे चुदाई करने का दम नहीं था।

फिर में उठकर उनके बाथरूम में गया और उनका कृत्रिम लंड लेकर आ गया। उस कृत्रिम लंड से मैंने भाभी को चोदकर ठंडा किया और उनकी चूत का पानी पिया। दोस्तों भाभी की चुदाई एक घंटे तक लगातार चली और उन्हे चोदने के बाद मैंने उन्हे ब्रा, पेंटी पहनाई और फिर में वहाँ से जाने लगा। तभी भाभी बोली कि अगर तू हर हफ्ते मुझे चोदने यहाँ पर नहीं आया तो में तेरे भैया को बता दूँगी कि तू कितना बड़ा मदारचोद है और तूने मेरी चूत को कितनी बेरहमी से लगातार चोदा है। दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मुझ जैसा मज़ा आ गया था। में भाभी से बोला कि साली रांड तू अब जैसे, जब, जहाँ कहेगी में तुझे जरुर चोद दूंगा और यह बात कहकर में खुशी ख़ुशी वहाँ से निकल गया। दोस्तों आज तक में अपनी भाभी की चूत को चूस, चाट और चोद रहा हूँ और हर सप्ताह शनिवार को में उन्हे चोदता हूँ ।।

गर्लफ्रेंड और उसकी सहेली की चुदाई - Girlfrind and Her Friend Fuck Story

गर्लफ्रेंड और उसकी सहेली की चुदाई - Girlfrind and Her Friend Fuck Story

ल्लो दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है और में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और में देहरादून का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 21 साल है। में दिखने में बहुत अच्छा हूँ मेरा रंग गोरा है और में हर दिन जिम भी जाता हूँ। दोस्तों मुझे कामुकता डॉट कॉम पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और में जब भी फ्री होता हूँ तो इसकी कहानियाँ पढ़ने लगता हूँ। दोस्तों आज में आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ।

दोस्तों मेरी गर्लफ्रेंड का नाम पूजा है और वो हरिद्वार की रहने वाली है और मेरे साथ मेरी कम्पनी में नौकरी करती है और हम दोनों का चक्कर पिछले 6 महीने से चल रहा है। दोस्तों वो एक सामान्य परिवार से है, उसका रंग एकदम दूध जैसा सफेद है और उसकी गांड एकदम मस्त है, लेकिन उसके फिगर का तो क्या कहना? वो एकदम अच्छे आकार के है जिसको देखकर में शुरू से ही उसकी तरफ आकर्षित हुआ उसके वो हॉट, सेक्सी बूब्स उसके कपड़ो से हमेशा बाहर आने को तैयार रहते और में उन्हें घूर घूरकर देखता रहता और मन ही मन उसकी चुदाई के सपने देखता रहता था। दोस्तों उसके फिगर का साईज 30-28-32 है और अब तो आप समझ ही गये होंगे कि वो क्या चीज़ है और दिखने में कितनी और सेक्सी है? हम दोनों जब भी मिलते थे तो किसिंग ही करते थे और उससे ज़्यादा उसने मुझे कभी भी कुछ नहीं करने दिया, लेकिन में उसको हमेशा चोदने’ के बारे में सोचता रहता था, लेकिन मुझे कोई अच्छा मौका नहीं मिल रहा था जिसका फायदा उठाकर में अपने मन की सभी इच्छाओं को उसके साथ पूरा कर लूँ, लेकिन एक दिन उस भगवान ने मेरे मन की बात सुन ली और दिन उसने मुझे अपने रूम पर बुलाया, उस दिन उसका जन्म दिन था इसलिए में एक अच्छा सा गिफ्ट लेकर उसके रूम पर पहुँच गया और मैंने वहां पर पहुंच कर देखा कि वो उस समय अपने रूम पर बिल्कुल अकेली थी और मुझे नहीं पता था कि उसकी फ्रेंड रजनी भी उस समय उसके रूम पर आई हुई है और वो उस समय बाथरूम में नहा रही थी।

फिर मैंने जाते ही उसे जन्मदिन की बधाई दी और अब में उसको चूमने लगा। दोस्तों वैसे उसकी फ्रेंड भी हम दोनों के चक्कर के बारे में सब कुछ जानती थी, अब मैंने पूजा से बोला कि तुम्हे तुम्हारा गिफ्ट मिल गया और अब तुम मुझे भी मेरा गिफ्ट दे दो, वो समझ गई और बोली कि वो समय आने पर में तुम्हे जरुर दे दूँगी। फिर इतने में उसकी फ्रेंड भी नहाकर बाहर आ गई। तभी एक जोरदार तूफान आया और अचानक बहुत ज़ोर से बारिश होने लगी और बिजली कड़कने लगी जिसकी आवाज सुनकर वो एकदम मुझसे लिपट गई और कुछ देर बाद उसने मुझे छोड़ दिया, मुझसे अलग हुई और फिर कुछ देर बाद मैंने उनके साथ खाना खाया और कुछ देर इधर उधर की बातें करके में उनको बाय बोलकर अपने घर पर जाने लगा तो पूजा ने मुझे जाने से मना कर दिया। उसके बाद वो फ्रेश होने चली गई तो में रजनी के साथ बैठकर इधर उधर की बातें करने लगा वो भी बहुत हॉट थी और बहुत सुंदर भी थी। उसने उस समय पंजाबी सलवार कमीज़ पहन रखा था जिसमे वो आज कुछ ज्यादा ही सुंदर लग रही थी। अब मैंने उससे कुछ देर बाद बातों ही बातों में पूछा कि क्या आपका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है? तो उसने थोड़ा सा शरमाकर अपना सर हिलाकर मुझसे मना कर दिया और उसकी उम्र भी पूजा जितनी थी और इतने में पूजा भी नहाकर बाहर आ गई। दोस्तों पूजा तो क्या मस्त कयामत लग रही थी, उसने पटियाला सूट पहन रखा था और मेरी नजर तो अब उसके जिस्म से एक पल भी हटने को तैयार नहीं थी। में उसको घूर घूरकर देखे जा रहा था। तभी उसने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि क्यों क्या आज मुझे पूरी तरह से खा ही जाओगे?

फिर मैंने अपनी नजर को उसके ऊपर से हटाकर मुस्कुराने लगा और वो अब मेरा मतलब बिना कहे ही समझ चुकी थी। दोस्तों उस रूम में एक फोल्डिंग बेड था और एक दूसरा हमेशा बिछा रहने वाला बेड था। अब हम दोनों पूजा और में एक बेड पर एक साथ एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए टीवी देख रहे थे और रजनी उस फोल्डिंग वाले बेड पर सो रही थी। फिर कुछ देर बाद मैंने पूजा के कान में कहा कि आज मौसम भी बहुत मस्त हो रहा है और आज तुम्हारा जन्मदिन भी है। तुम कहो तो में आज तुम्हे जन्नत की सैर करवा दूँ? तो उसने झट से मेरी बात के लिए हाँ कर दिया और फिर बोली कि रजनी को सो जाने दो उसके बाद तुम्हे जो करना है कर लेना और अब हम दोनों बहुत बेसब्री से रजनी के सोने का इंतजार करने लगे, लेकिन वो शायद हमारे मन की बात को समझकर बहुत जल्दी दूसरी तरफ अपना मुहं करके सो गई थी। फिर सबसे पहले मैंने पूजा के होंठो को चूमा और अपनी जीभ को उसके मुहं में अंदर तक डालकर बहुत देर तक बहुत मज़े लिए और फिर आहिस्ता आहिस्ता उसके गाल पर, गर्दन पर, उसकी छाती पर किस करने लगा और वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी।

फिर मैंने उसके बूब्स के करीब पहुंचकर उसके सेक्सी बूब्स को सहलाया और मसलने लगा तो वो अब धीरे धीरे गरम होने लगी थी और सिसकियाँ लेने लगी थी। फिर मैंने उसका वो जोश देखकर अपने कपड़े उतार दिए और जब में अपने कपड़े उतार रहा था तो रजनी भी अचानक से हमारी तरफ पलटकर मुस्कुराते हुए मुझे देख रही थी, अब में उसके सामने बिल्कुल नंगा हो गया और अब मेरा वो 7.5 इंच का लंड देखकर वो दोनों अचानक से डर गई और फिर पूजा मुझसे डरते हुए बोली कि तुम्हारा यह तो बहुत मोटा, लम्बा है और यह तो आज मेरी जान ही निकाल देगा, रहने दो में तो कुछ भी नहीं करूंगी। फिर मैंने उसे अब बहुत प्यार से बहुत देर तक समझाया और मैंने उससे कहा कि अगर तुम्हे थोड़ा भी दर्द होतो तो तुम मुझे मना कर देना, में तुम्हे वहीं पर वैसे ही छोड़ दूंगा, लेकिन प्लीज एक बार मुझे आगे बढ़ने का मौका तो दो और थोड़ा बहुत दर्द तो सबको होता है, लेकिन उसके बाद सबको बहुत मज़ा भी तो आता है और अब वो मेरे बहुत समझाने पर मान गई। अब में उसको एक बार फिर से गरम करने लग गया और उसके बूब्स को दबाने लगा। वो अब ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी और रजनी भी हमे यह सब करते हुए देखकर दूर से ही गरम होकर जोश में आकर सिसकियाँ लेने लगी और अब मैंने पूजा के बचे हुए सारे कपड़े उतार दिए और उसे पूरी नंगी कर दिया और अब उसकी वो रसीली, कामुक चूत को देखकर मेरे मुहं में अचानक से पानी आ गया। तभी कुछ देर बाद हमने अपने साथ में रजनी को भी अपने बेड पर बुला लिया और उसके कपड़े भी पूरे उतार दिए और उसको भी पूरी नंगी कर दिया। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर मैंने देखा कि उन दोनों की चूत पानी एक एक बार छोड़ चुकी थी और मैंने सबसे पहले पूजा की जाँघो के बीच में जाकर उसकी रसीली चूत को चाट चाटकर बहुत अच्छी तरह से साफ कर दिया पूजा ने मेरे सर को बहुत दम लगाकर अपनी चूत में दबाया और अपने चूतड़ को उठा उठाकर चूत को मुझसे साफ करवाया और इस बीच पूजा का एक बार फिर से पानी निकल गया था और वो झड़कर बिल्कुल निढाल होकर चुपचाप पड़ी रही और में उसकी चूत को चूसता, चाटता रहा। फिर मैंने उसे बहुत अच्छी तरह साफ कर दिया और मैंने वो सारा रस पी लिया। अब मैंने रजनी की चूत को भी चाटा और उसने भी कुछ देर के बाद पानी की धार को मेरे मुहं पर छोड़ दिया मैंने उसकी चूत को भी चाटकर साफ कर दिया। अब मैंने उन दोनों को मेरा लंड चूसने के लिए बोला तो पूजा मना करने लगी, लेकिन रजनी ने झट से मेरे लंड को अपने मुहं में ले लिया, क्योंकि मेरा लंड बहुत मोटा था और अब वो लोलीपोप की तरह लंड को बहुत मज़े लेकर चूसने लगी, मुझे तो मानो जैसे जन्नत मिल गई हो, लेकिन थोड़ी देर चूसने के बाद मेरा वीर्य निकल गया और अब उसने सारा का सारा पी लिया।

अब मैंने पूजा के दोनों पैरों के बीच में आकर उसके पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया जिससे उसकी चूत ऊपर की तरफ उठ गई और फिर में अपना 7.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो बिल्कुल बैचेन सी हो गई और बोलने लगी कि प्लीज जानू अब चोद दो मुझे जानू अब मुझे और मत तरसाओ, में अब और नहीं रह सकती, आईईइ प्लीज थोड़ा जल्दी से मेरी चूत को ठंडा कर दो उह्ह्हह्ह। तो मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगाकर एक ज़ोर का धक्का मारा तो लंड का सुपाड़ा चूत के अंदर फिसलकर चला गया और पूजा ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी। यह सब देखकर रजनी बिल्कुल पागल हो रही थी और वो भी अब मुझसे चोद दो मुझे भी प्लीज अब मुझे भी चोद दो बोले जा रही थी। फिर मैंने थोड़ी देर पूजा को किस करते हुए उसे बहुत अच्छा महसूस करवाया और फिर वो अपनी गांड हिलाकर मुझसे चोदने के लिए बोलने लगी और फिर मैंने उसे 6-7 धक्को में अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो बहुत ज़ोर ज़ोर से रोने लगी, शायद उसकी सील टूट गई थी इसलिए वो इतना चिल्ला रही थी। फिर मैंने थोड़ी देर रुककर एक बार फिर से धक्के मारने चालू किए, लेकिन में इस बार बिल्कुल भी नहीं रुका और मैंने 15 मिनट जमकर पूजा की चूत को चोदा, उसके बाद मेरा वीर्य निकल गया और मैंने अपने वीर्य से उसकी चूत को भर दिया। वो भी पहले दो बार झड़ चुकी थी और तीसरी बार मेरे साथ झड़ गई और जब मेरा लंड सिकुड़कर उसकी चूत से बाहर आया तो मैंने अपने लंड पर बहुत सारा खून देखा जो उसकी चूत का था। शायद अब उसकी चूत फट चुकी थी और चूत से मेरा और उसका गरम गरम लावा बाहर आ रहा था और थोड़ी सा खून भी बाहर निकल रहा था।

अब पूजा आराम से एकदम सीधी होकर लेट गई, क्योंकि वो अपनी चूत में बहुत दर्द महसूस कर रही थी और इस बात का फायदा उठाकर रजनी ने मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसा और खड़ा कर दिया। फिर उसके बाद मैंने रजनी को भी बहुत जमकर चोदा, हमारी यह चुदाई कम से भी कम एक घंटा लगातार चली थी जिसमे 25 मिनट पूजा के साथ और 35 मिनट रजनी के साथ सेक्स किया क्योंकि मेरा वीर्य दो बार पहले ही निकल चुका था इसलिए मुझे रजनी को चोदते समय झड़ने में बहुत समय लग गया और अब जब में रजनी की चूत में झड़ा तो वो भी मेरी इस चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट होकर बहुत खुश हो गई और अब हम तीनों एक साथ एक ही बेड पर बिल्कुल नंगे होकर एक ही रज़ाई में सो गये। में उन दोनों के बीच में था और वो दोनों मेरे आस पास लेटी हुई थी। फिर में एक एक करके बारी बारी से उनके बूब्स को मसलता, दबाता, चूसता रहा और मैंने उस रात उन दोनों को करीब दो दो बार चोदा और फिर हम सो गए। दोस्तों वो दोनों अब भी मुझसे कई बार एक साथ चुद चुकी है और मैंने उनकी गरम चूत को चोदकर ठंडा किया है ।।

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