मिनाक्षी की चूत - Minaski Ki Chudai
Thursday 31 March 2016
मिनाक्षी की चूत - Minaski Ki Chudai
पड़ोस की लड़की की कुँवारी चूत ली - Pados Ki Ladki Ki Chut Li
पड़ोस की लड़की की कुँवारी चूत ली - Pados Ki Ladki Ki Chut Li
साल से! मैंने यहाँ बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं मगर आज पहली बार मैं अपनी आपबीती ‘पड़ोस की लड़की की कुँवारी चूत ली’ आप सबके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ कि आप सबको पसंद आएगी। मेरा नाम मनीष शर्मा है, उज्जैन का रहने वाला हूँ मगर अभी जयपुर में हूँ। मेरी उम्र 21 वर्ष, मेरा कद 6 फीट है और दिखने में ठीकठाक हूँ, मेरे लंड की लंबाई सात इन्च है। जिस भी लड़की ने मेरा लंड देखा है, वो मेरे लंड की दीवानी हो गई है। आप सबने शालिनी राठौर और सुरभि तिवारी की कहानियाँ पढ़ी होंगी, सुरभि तिवारी जी ने मेरे लंड की तस्वीरें भी देखी हैं, वो भी मेरे लंड की दीवानी हो गई और मेरा लंड लेना चाहती हैं। अब ज्यादा बोर न करते हुए मैं अपनी बात पर आता हूँ। बात तब की है जब मैं अपने इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष में था। तब हमारे घर के पास नये किरायेदार रहने आये। उनके घर में तीन लोग थे माँ, पापा, और उनकी लड़की जिसका नाम लक्ष्मी था। लक्ष्मी की उम्र 19 वर्ष थी। जब उसे पहली बार मैंने देखा तो देखता ही रह गया। मस्त माल थी… सांवला रंग और फिगर 32-28-34 क्या मस्त चूतड़ थे उसके ! जब भी वो घर के बाहर आती थी तो मैं केवल उसके कूल्हे ही देखता रहता था। मुझे उसे पटाना था ताकि मैं उसे चोद सकूँ। मगर उसकी माँ उसे कभी अकेली नहीं छोड़ती और उसके पापा तो ऑफिस के लिए सुबह जल्दी निकल जाते और शाम तक आते थे। फिर एक दिन क़िस्मत ने मेरा साथ दिया और उसकी माँ को किसी काम से बाहर जाना पड़ा। उस दिन मैंने उससे बात की और दोस्ती का आग्रह किया। उसने हाँ कह दी और कुछ दिन बाद हमने अपने फ़ोन नंबर एक्सचेंज किये। तब से फोन पर हमारी बात होने लग गई। यह सिलसिला कुछ दिन चला और एक दिन मैंने उससे अपने प्यार का इज़हार किया और उसने मुझसे कहा- वो भी मुझसे प्यार करती है। मुझे अपना सपना सच होते हुए दिखा। बस अब मैं उससे अकेले मिलकर उसे चोदना चाहता था। मगर मौका नहीं मिल रहा था। कहते हैं ना कि सब्र का फल मीठा होता है, वही हुआ मेरे साथ हुआ! उसके मम्मी पापा को किसी काम से शहर से बाहर जाना पड़ा 8-10 दिन के लिए। मैंने उसे मिलने के लिए कहा तो उसने अपने घर मिलने के लिए बुलाया। मैं जब उसके घर गया तो उसने लाल रंग की नाइटी पहनी हुई थी। उसमें वो हॉट लग रही थी। उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लग गया। मैं उसके पास गया। हम दोनों ने थोड़ी देर तो बात की फिर में उसके एकदम पास गया, उसके होंठों को चूमने लग गया। थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लग गई। फिर मैं धीरे से किस करते हुए उसके बूब्स को दबाने लग गया। वो आ-ह-ह-हुह करने लग गई। फिर मैंने उसकी नाइटी के अंदर हाथ डालकर उसके निप्पल को पकड़कर मसलने लगा। फिर मैंने उसकी नाईटी उतार दी। जैसे ही मैंने उसकी नाईटी उतारी, उसने काले रंग की ब्रा-पेंटी पहन रखी थी, उसमें वो एकदम हॉट और सेक्सी लग रही थी। मैंने देर न करते हुए उसकी ब्रा खोलकर उसको लेटा दिया और उसके बूब्स को दबाने और निप्पल को एक-एक करके चूसने लग गया। मैं अपने साथ चोकलेट लेकर गया था जो पिंघल चुकी थी। मैंने चोकलेट को उसके निप्पलों पर लगाया और निप्पल को एक-एक करके चाटने लग गया। वो पूरी तरह से पागल होकर हुह… आह… हआ…आहह करने लग गई। फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए, केवल अंडरवियर में रह गया और वो पेंटी में ! मुझे अंडरवियर में देखकर उसने अपनी आँखें बंद कर ली। फिर मैंने उसके होंठों को चूसते हुए उसके पूरे बदन को चाटते हुए उसकी पेंटी तक पहुँचा, फिर मैंने उसकी पेंटी उतार दी। एकदम गीली और चिकनी कुँवारी चूत देखकर मैं और मेरा लंड दोनों पागल हो गये। मैं उसकी चूत को चाटने लग गया। दोस्तो, क्या बताऊँ कितना बढ़िया स्वाद था! फिर मैंने चोकलेट को उसकी कुँवारी चूत पर लगाकर खूब चाटा उसकी चूत को ! इस बीच वो एक बार झड़ गई और मैं उसका सारा पानी पी गया। फिर मैंने अपनी अंडरवियर उतारकर उसे अपना लंड चूसने को कहा। मगर उसने मना कर दिया तो मैंने ज्यादा जोर नहीं दिया। उसके बाद मैंने उसकी गीली कुँवारी चूत पर अपना लंड रखा और अंदर डालने की कोशिश की तो मेरा लंड फिसलकर बाहर आ गया। उसकी चूत टाइट थी। मैंने रूककर अच्छे से सेट करके जोर लगाकर लंड डाला तो लंड थोडा ही अंदर गया होगा, उसे दर्द हुआ मगर वो चिल्लाई नहीं। मैंने एक शॉट और मारा और उसके ऊपर गिर गया। उसे इतना दर्द हुआ कि उसने अपने नाख़ून मेरी पीठ पर गड़ा दिए और धीरे से कहा- बहुत दर्द हो रहा है। मगर उसकी हिम्मत थी कि वो चिल्लाई नहीं, पूरा दर्द सहन कर लिया। फिर थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे, फिर मैंने धीरे धीरे अपनी कमर चलाना शुरू कर दी। वो आह… आह… ह…हुहह… करने लगी। थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ तो अपने लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद वो भी अपने चूतड़ हिलाकर मेरा साथ देने लगी। दस मिनट मैंने उसे चोदा। फिर मैं झड़ने वाला था तो उसने कहा- अंदर मत झड़ना। मैंने सारा माल उसके पेट पर निकाल दिया। उसके बाद हमारा दूसरा राउंड 25 मिनट चला। उसमें मैंने उसे अलग अलग पोजीशन में चोदा। उस दिन दो घंटे तक हमारा कार्यक्रम चला। अगले 7-8 दिन तक हम दोनों ने मिलकर खूब मजे किये। मैंने उसे उसके घर के हर एक कोने में चोदा। तो दोस्तो, यह थी मेरी आपबीती ! आप सब लोगों को कैसी लगी, मेल करके बताइयेगा जरूर!
आंटी के साथ मेरी पहली चुदाई - Aunty Ke sath Meri Pahle Chudai
आंटी के साथ मेरी पहली चुदाई - Aunty Ke sath Meri Pahle Chudai
मामी ने दिखाया स्वर्ग का दरवाजा - Mami Ni Dhikaya Sawarg Ka Darwaja
मामी ने दिखाया स्वर्ग का दरवाजा - Mami Ni Dhikaya Sawarg Ka Darwaja
हैल्लो दोस्तों मेरा नाम देव है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 25 साल की है। दोस्तों में आज ये स्टोरी लिख रहा हूँ.. ये मेरे और मेरी एक मामी ज़ी के साथ हुए सेक्स अनुभव के बारे में है। दोस्तों मेरे मामा की शादी 2005 में हुई और मेरी मामी बहुत अच्छी हैं और देखने में बहुत सुंदर हैं। उनका साईज़ है 36-25-34 और उनकी उम्र 28 साल की है। मामा की शादी के वक़्त जब वो पहली बार ससुराल आई तभी से मैंने उनसे दोस्ती कर ली थी वैसे भी आप जानते हैं कि जब नई दुल्हन आती है तो उसका ख़ास ध्यान रखा जाता है.. तो यहाँ भी वही होने लगा था। फिर में भी इस काम में सभी का साथ देता था क्योंकि मुझे मामी के साथ वक़्त बिताने का मौका मिलता था और मामी भी मुझसे बातें करके पूरे दिन टाईम पास कर लेती थी। फिर ऐसे ही हमारी दोस्ती हो गयी और हम लोग खाना भी साथ खाने पीने लगे। फिर बाद में क्योंकि मेरे कॉलेज की पढ़ाई का चक्कर था तो मुझे एक सप्ताह के बाद वहाँ से दिल्ली वापस आना पड़ा मेरी फेमिली यहीं दिल्ली में ही है और मामा जी का घर कानपुर में है। फिर यहाँ से में मामी जी से अक्सर फोन पर बातें किया करता था और फिर धीरे धीरे मैंने उनसे एक अच्छे दोस्त का रिश्ता बना लिया था। फिर उनकी शादी में मुझे उनकी एक दोस्त भी बहुत पसंद आई और में अक्सर मामी से कहता था कि प्लीज मेरी उससे शादी करा दो। तभी वो भी कहती थी कि हाँ करा देंगे जब सही समय आएगा। तभी इन सब बातों को करते करते हम बहुत अच्छे दोस्त हो गये थे। फिर में अक्सर उनकी शादीशुदा लाईफ की फेमिली प्लानिंग के बारे में भी बातें कर लिया करता था। उन बातों पर कभी वो शरमाती तो कभी सीधा सा जवाब देती और मजाक़ में कहती थी कि तुम्हारी शादी होने दो.. फिर देखेंगे तुम क्या क्या प्लानिंग करते हो। फिर ऐसे ही वक़्त गुज़रता गया और फिर करीब 8-10 महीने के बाद मैंने छुट्टियों पर एक प्लान बनाया और फिर मामा जी के घर पर पहुँच गया। इस बार मेरे पास बहुत टाईम था वहाँ पर रुकने और उनसे बातें करने का और फिर घर पहुँच कर सभी फेमिली सदस्य से मिला.. नानी, मामा, कज़िन्स, सभी बहुत खुश हुए मुझे अचानक देखकर और में भी लेकिन मुझे ज़्यादा खुशी थी मामी जी से मिलने की और उनके साथ वक़्त बिताने की। मेरे मामा स्कूल टीचर हैं। तो वो सुबह जल्दी जाते और शाम को आते और जब खाली समय मिलता तो कभी खेती बाड़ी में भी टाईम दिया करते थे। फिर मामा मामी की शादीशुदा लाईफ बहुत अच्छी चल रही थी और वो दोनों एक दूसरे के साथ खुश थे और आज भी हैं नानी, मौसी और सभी फेमिली सदस्य वहीं पर एक ही मकान में रहते थे और खेती के काम में लगे रहते थे और गावं में वैसे भी कोई ना कोई काम रहता ही है.. मामी भी घर के काम करती हैं लेकिन ज़्यादा नहीं.. वो सीधे काम करती थी। फिर वो अक्सर अपने रूम में ही समय बिताती हैं और में भी ऐसे ही समय का इंतज़ार करता था कभी किचन में उनके साथ बातें करता जब वो खाना बना रही होती या फिर बाद में उनके रूम के आस पास मंडराता रहता और इसी बीच वो मुझसे बातें करने के लिए रूम में बुला लेती। फिर कभी कभी तो लंच हम साथ में ही करते थे और वो भी एक पड़ी लिखी लड़की हैं और में भी ठीक ठाक हूँ तो अन्य लोगों की तुलना में हमारी बहुत अच्छी बनती थी। फिर हम उनके बेड पर ही बैठकर लंच करते थे और कई बार उन्होंने मुझे अपने हाथों से खाना खिलाया हैं और मुझे बहुत मज़ा आता था। फिर ऐसे ही एक दिन लंच टाईम में मामी नहाने के बाद तैयार हुई.. वही डेली की तरह तैयार होना। उन्होंने हरे रंग की साड़ी पहनी.. बाल खुले हुए जिनसे हल्का हल्का पानी टपक रहा था.. ब्लाउज जो ठीक ठाक ही था लेकिन इनकी हेल्थ बहुत अच्छी होने की वजह से और चार चाँद लगा रहा था.. उनका गोरा और चिकना पेट देखकर मेरे मन में हलचल मच गयी। फिर में भी नहाकर आया और मामी के कमरे में ही ड्रेसिंग टेबल के सामने तैयार हो रहा था। तभी उस समय मामी किचन में थी और में तैयार होते समय अकेला रहना पसंद करता हूँ ये बात मामी जानती है लेकिन उसी समय वो रूम में आ गयी और मुझे अपनी ब्यूटी प्रॉडक्ट्स की कीट में से क्रीम और कोई भी समान जो मुझे चाहिए हो.. ऑफर किया। तभी मैंने कहा कि मामी में तो सांवला हूँ मुझ पर इन ब्यूटी प्रॉडक्ट्स का कोई असर नहीं होता ये तो आप जैसे गोरी और सुंदर लडकियों के लिए बहुत अच्छी है। तभी वो बोली तुम किससे बुरे हो.. गोरा रंग ही सब कुछ नहीं होता बातचीत का भी तो फर्क होता है और तुम्हारी सोच बहुत अच्छी हैं। फिर मैंने उन्हे मुस्कुराते हुए थेंक्स कहा। फिर उन्होंने कहा कि तुम तैयार हो जाओ फिर हम साथ में लंच करेंगे। फिर लंच करते हुए वो मेरे सामने ही बेड पर बैठी थी उनकी साड़ी, लिपस्टिक, ब्लाउज के अंदर बूब्स, और चिकना पेट देखकर मेरी भूख तो वैसे ही खत्म हो जाती थी और मेरा तो दिल कर रहा था की इन्हें ही खा जाऊं। फिर मुझे ठीक से खाना ना खाते देख उन्होंने पूछा कि क्या हुआ? बताओ ना खाना क्यों नहीं खा रहे? तभी मैंने कहा कि मन नहीं है। फिर उन्होंने मुझे बहुत पूछा लेकिन में उन्हे क्या बता सकता था? फिर थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझे अपने हाथ से खिलाना शुरू किया। फिर उनके मुलायम हाथों से खाने में बहुत अच्छा लग रहा था.. कई बार तो मैंने उनकी उंगलियों को भी होंठो के बीच में दबा लिया और वो मुस्कुराती हुई कहती ऑश.. बदमाश खाना खाओ मेरी उंगलियाँ नहीं। में : खाना तो मुझे खाना नहीं.. बस आपकी उंगलियों की वजह से ही में खाने की इच्छा जाता रहा हूँ। मामी : अच्छा जी तो खाने में नहीं.. तुम्हारी इन उंगलियों में रूचि है। में : मुझे तो आपकी हर बात में रूचि है.. आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो। में तो आपको खा सकता हूँ लेकिन खाना नहीं। मामी : ओह हो तो ये बात है इतनी हिम्मत है.. लगता है अब तो जल्दी ही एक अच्छी लड़की ढूंढकर तुम्हारी शादी करवानी ही पड़ेगी। में : में तो कब से कह रहा हूँ लेकिन आप बात ही आगे नहीं बढाती। फिर इस बात पर मामी मुस्कुराई और खाना ख़त्म किया। फिर मुझे पानी पीना था.. तभी मैंने मामी के बालों से टपकते हुए पानी को देखा जो उनके ब्लाउज के ऊपर गिर रहा था। तभी मैंने कहा कि मामी पानी.. फिर वो ग्लास देने लगी। फिर मैंने ब्लाउज की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ग्लास से नहीं वहाँ से पीना है। फिर उन्होंने मुझे मजाक में आकर मेरे गाल पर हल्का सा थप्पड़ मारा और कहा सुधर जाओ वरना मार पड़ेगी। फिर बाद में हम लोग वहीं बेड पर ही लेट गये और दोपहर का टाईम था तो वहीँ हल्की नींद लेने का प्लान था लेकिन हम अभी बातों में ही व्यस्त थे। फिर बातें करते करते में उनका पेट देख रहा था और पेट पर गहरी नाभि थी क्या कमाल लग रही थी मुझे गहरी नाभि बहुत पसंद हैं। फिर बातों के समय ही में उनके और करीब चला गया और फिर उनके भीगे बालों को छूने लगा। फिर मामी के लाल होंठ मुझे न्योता दे रहे थे और जब वो हँसती तो मन करता कि उनके होंठो को चूम लूँ। फिर इसके बाद मैंने अपना एक हाथ मामी के हाथ पर रखा और हल्के से सहलाया मामी ने मेरी तरफ देखा और फिर मैंने उनकी तरफ.. मेरी साँसें भारी हो रही थी और फिर इतने में हिम्मत करके मैंने उनके पेट पर एक हाथ रखा और उसे सहलाया तो मामी मना करने लगी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है। फिर उन्होंने कहा कि हम दोस्त हैं लेकिन ऐसा मत करो ये सब ठीक नहीं.. लेकिन में कामुक हो गया और फिर उन्होंने मुझे सीने से लगा लिया.. उनके बदन की खुश्बू और टच ने मेरे पहले से तने हुए लंड को और खड़ा कर दिया और मैंने उन्हें बाहों में भर लिया और फिर बेड पर एक दूसरे से लिपटे हुए ही बेड के एक हस्से से दूसरे हिस्से पर रोल होने लगा। फिर मामी मुझे प्यार से सहला रही थी और मेरा साथ दे रही थी। तभी में उठा और मामी को सीधा करते हुए उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए ओह वाह क्या अहसास था। फिर मैंने उन्हें तब तक चूसा जब तक कि उनकी लिपस्टिक साफ नहीं हो गयी। तभी मामी मुस्कुराते हुई बोली बदमाश किस तो ज़बरदस्त है इससे पहले कितनों को कर चुके हो? तभी में मुस्कुराया और कहा कि आगे- आगे देखिए में क्या- क्या करता हूँ।फिर मैंने उन्हें लेटाया और उनका ब्लाउज अपने हाथों से खोला और ब्रा खोलने से पहले मैंने उनकी चिकनी पीठ को बहुत चाटा। फिर ब्रा खुलने के बाद उनके शरीर के ऊपर का हिस्सा देखकर में सिहर उठा सारे बदन में एक अहसास जाग उठा.. ऐसा लगा जैसे मेरे सामने स्वर्ग का दरवाजा खुल गया हो। फिर उनके निप्पल को बहुत चूसा और चाटा मामी गरम होने की वजह से बड़बड़ा रही थी उह्ह अहह देव तुम कितने अच्छे हो आहह मजा आ गया और करो अहहउ। फिर इसके बाद में पेट की तरफ बढ़ा.. चिकने पेट पर मेरी नियत कब से खराब थी.. उस पर पहले तो जी भरकर हाथ फिराया और फिर उसे चूमा मैंने अपनी जीभ से उसे चाट चाटकर लाल कर दिया और साथ ही साथ मैंने उनका पेटिकोट भी खोल दिया और अब बारी थी गहरी नाभि की.. वाह क्या गजब चीज़ थी। फिर मैंने वहीं पास से पानी लिया और पानी नाभि में भरा और फिर उसे पिया मामी सिसकीयाँ भर रही थी उन्हें जैसे जन्नत के मिल गई हो.. वो कहने लगी है देव तुमने कैसा नशा घोल दिया है मुझे गुदगुदी हो रही है ऑफ उहह। फिर वो मेरे बालों पर उंगलियाँ घुमा रही थी और मुझे अपने पेट पर कसकर जकड़े हुए थी फिर मैंने अपनी शर्ट खोल दी और लोवर अलग फेंक दिया इतने में मामी बोली, ओह देव प्लीज़ अंडरवियर मुझे उतारने दो और मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरी अंडरवियर को धीरे धीरे उतारने लगी बहुत ही धीरे धीरे आराम से उतार रही थी। फिर जैसे ही मेरे लंड के दर्शन हुए तो उन्होंने एकदम से अंडरवियर उतार फेंका और लंड हाथ में लेकर उसे किस करने लगी और में सातवें आसमान पर था। फिर मैंने उनकी पानी से भीगी हुई चूत में साईड से हाथ डालते हुए उनकी टाँगों को फैला दिया.. एकदम शेव्ड चूत थी। फिर उनके पेट और चूत का रंग एक जैसा था एकदम गोरा लेकिन मेरा लंड मेरी तरह सांवला है और 6 इंच लम्बा है। फिर में उनकी चूत में ऊँगली डाल रहा था और वो मेरे लंड को किस कर रही थी। फिर हम दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर आँखों में ही इशारा करते हुए सीधे लेट गये। फिर मामी बहुत गीली हो चुकी थी और फिर मैंने अपनी जीभ से एक बार जैसे ही चूत को छुआ मानो उसे एक करंट का झटका लगा वो पूरी की पूरी हिल गई। फिर मैंने करीब दस मिनट जीभ से चूत की चुदाई की और फिर मैंने अपना लंड चूत के मुहं पर रख कर सेट किया और एक जोर के झटके में आधा लंड चूत में डाल दिया। तभी मामी दर्द से चीख उठी.. शईईई डियर अह्ह्ह मज़ा आ गया। फिर मैंने इसके बाद दूसरे झटके में पूरा का पूरा लंड चूत की गहराइयों में डाल दिया और फिर थोड़ी देर वैसे ही पड़ा रहा.. साथ ही साथ मामी के होठों को चूसता रहा और कभी उनके बूब्स को अपने दोनों हाथों से दबाता। फिर जब मामी ने नीचे से झटके देना शुरू किया तब मैंने स्पीड बड़ाई और फिर ताबड़तोड़ झटको के साथ लंड को अंदर- बाहर करने लगा और मामी भी नीचे से अपनी गांड हिलाकर मेरा साथ दे रही थी और वो कहे जा रही थी। मामी : वाह जानू में तुमसे से बहुत प्यार करती हूँ तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो और अंदर घुसाओ ना अपनी मामी को खा जाओ उईईई उह्ह्ह अहह चोद दो आज अपनी मामी को और जोर से चोदो। फिर बीच बीच में में कभी नाभि को चाटता, कभी बूब्स, कभी होंठ। फिर थोड़ी देर बाद मैंने उनकी कमर को पकड़कर पूरे जोश के साथ धक्के देंने शुरू किये। ऐसा करते करते 10-15 मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये। मैंने उनकी चूत में पूरा वीर्य जोरदार धक्को के साथ डाल दिया और फिर हम थक कर उसी पोज़िशन में बहुत देर पड़े रहे। फिर उसके बाद मामी ने मुझे बहुत किस किया और प्यार किया। फिर कुछ देर बाद मैंने ही मामी को सारे कपड़े पहनाए और ऐसा करते हुए उनका चिकना पेट मैंने बहुत चाटा। मुझे उनका चिकना पेट बहुत अच्छा लगता था। मैं उनकी नाभि में कभी शहद भरकर चाटता हूँ तो कभी दूध और आईसक्रीम। मामी मुझे बहुत प्यार करती है और वो मामा से भी अपना रिश्ता बखूबी निभा रही है। कहीं कोई समस्या नहीं है.. सब जगह प्यार ही प्यार है। तो दोस्तों ये थी मेरी मामी की चुदाई की कहानी ।।
Monday 28 March 2016
ससुर जी ने किया काम तमाम - Sasur Ne Choda
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भैया गये दुबई, भाभी ने मुझसे चुत चुदवाई
भैया गये दुबई, भाभी ने मुझसे चुत चुदवाई
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मौसी के बेटी - Mausi ki beti ko jordar chudai
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गाँव मैं चुदाई - Gaon me Chudai
गाँव मैं चुदाई - Gaon me Chudai
भाई की साली को जन्नत दिखाई - Bhai ki Sali ki Chudai
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सीमा को चोदा - Seema ko Choda
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भाभी ने चोदना सिखाया - Bhabhi ne Chodana Sikhaya
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सोनिया मेडम से सोनिया डार्लिंग - Sonia Madam Se Sonia Darling
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ममेरी बहन की जबरदस्त चुदाई - mama ki ladki ki chudai
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पांच भाईयों की द्रोपती - Pach lodo se chudai
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