Monday 12 May 2014

मेरा दोस्त और उसकी बहन - Dost Aur Uski Bahan

मेरा दोस्त और उसकी बहन - Dost Aur Uski Bahan

बात तब की है जब मैं बारहवीं में पढ़ता था। मैं और मेरा सबसे अच्छा दोस्त राज (बदला हुआ नाम) हम काफ़ी अच्छे दोस्त थे और वो दिखने में भी अच्छा था। हमारी क्लास के कई लड़के उसकी गाण्ड के पीछे पड़े थे, मैं भी था उनमें !

मैं मजाक मजाक में उसकी गाण्ड को दबा दिया करता था पर मुझे तो उसकी गाण्ड का छेद ही चाहिए था।

एक बार जब उसके मम्मी-पापा बाहर जा रहे थे तो उन्होंने मुझे कहा- तुम इसके साथ ही रह लेना !

मैंने भी हाँ कर दी।

घर में उसकी एक जवान बहन भी रहती थी, क्या मस्त चूचे थे उसके ! मेरा तो देख कर ही खड़ा हो जाता था।

मैं रात को उसके घर सोने चला गया। उसकी बहन एक अलग कमरे में थी और मैं राज के साथ उसके कमरे में था। मै बिस्तर पर बैठा था, राज ने कहा- मैं कपड़े बदल लेता हूँ।

मेरे मन में सेक्स का भूत जाग रहा था, मेरे सामने वो नंगा हो गया उसने अन्दर कुछ नहीं पहना था। मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता था पर उसे चोद भी तो नहीं सकता था।

मैंने उसे कहा- मुझे बाथरूम जाना है।

मैं बाथरूम में गया और वहाँ जाकर मुठ मारने लगा। पर मैंने शायद दरवाज़ा पूरा बन्द नहीं किया, मैंने मुठ मार कर सारा माल निकाल दिया और बाहर आ गया।

मैं और राज सोने लगे। थोड़ी देर बाद मुझे मेरी टांगों में अचानक किसी का स्पर्श महसूस हुआ। मैंने देखा कि राज मेरा लौड़ा पकड़ रहा है।

मैं उठा और उससे कहा- क्या कर रहे हो यार?

उसने बोला- मैं तेरा दोस्त हूँ तो तुझे मुझसे तो बोलना चाहिये था।

मैंने पूछा- क्या बोलना चाहिए था?

उसने बोला- तुम अभी बाथरूम में जाकर मेरे नाम की मुठ मार रहे थे तो मुझसे ही कह देते !

मैं चौक गया- तुमने मुझे मुठ मारते कब देखा?

“जब तुम मूतने गए थे तभी !” उसने कहा,” आपस में क्या शर्माना? आ जा ! तुझे जो करना है कर ले !”

मैं तो इसी दिन का इंतजार कर रहा था, मैंने कहा- मैं तेरी नहीं मारूंगा !

वो बोला- अच्छा !

उसने मेरा लौड़ा चूसना शुरू कर दिया, मुझे बड़ा मजा आ रहा था पर मैं उसे बोल रहा था- ऐसे नहीं करते !

वह बोला- दोस्ती में सब जायज है !

मैंने बोला- ठीक है, तो ले फिर !

अब मैंने उसे नंगा करना शुरू किया और उसने मुझे ! कुछ ही देर में हम दोनों नंगे खड़े थे। उसे मेरा लौड़ा चूसते चूसते करीब दस मिनट हो गए, फिर मैंने उससे कहा- मुझे भी तुम्हारा चूसना है !

हम लोग 69 की अवस्था में करने लगे और 15 मिनट चूसते ही रहे।

फिर मैंने उसे लिटा दिया और उसकी गाण्ड चाटने लगा। वो पूरा मस्ती में था और आवाज निकालने लगा- उह..ह्ह…..आह……करो ! मजा आ रहा है !

मैंने अपने लौड़े पर कोंडोम चढ़ा लिया और उसकी गाण्ड में तेल लगा लिया। अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, उसने मेरा लौड़ा पकड़ा और उस पर बैठ गया और चिल्लाने लगा।

मैंने कहा- अरे मैं कर रहा हूँ ना ! फिर क्या है? और चिल्लाओ मत ! तुम्हारी बहन आ जाएगी !

फिर मैं अपना 7 इंच का लौड़ा उसकी गाण्ड में धीरे-धीरे डालने लगा और वो आवाज निकाल रहा था- ऊह ! जोर से……..आह ! वाह क्या बात है ! डालो !

मैंने एक जोर का झटका दिया और मेरा आधा लौड़ा उसकी गाण्ड में घुस गया। मैं कुछ देर वैसे ही पड़ा रहा तो उसने गाण्ड उठाना शुरू कर दिया और मैंने भी अपना लौड़ा अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।

हम दोनों मस्ती में थे और पूरे कमरे में हमारी आवाज गूंज रही थी- आऽऽह्ह…….ऊह…….ओह…….

कुछ देर मैंने उसे चोदा। फिर उसने कहा- मैं घोड़ा बनता हूँ।

और वो घोड़ा बन गया और मैंने अपना लौड़ा डाल कर चोदना चालू रखा। काफ़ी देर करने के बाद मैं झड़ने वाला था, मैंने कहा- कहाँ छोडूँ?

उसने कहा- मेरे मुँह में !

मैंने मेरा लौड़ा निकाला और उसके मुँह में अपना सारा माल छोड़ दिया। फिर मैं और राज कुछ देर एक दूसरे को चूमते रहे।

तभी अचानक बाहर से सेक्सी आवाज आने लगी। हमने दरवाजा खोला और देखा कि राज की बहन दरवाजे के पास खड़ी सब देख रही थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी। राज की बहन हमसे एक साल बड़ी थी और लम्बाई में भी मुझसे ज्यादा थी, करीब 19 साल की थी, एकदम सेक्सी !

राज डर गया और उसकी बहन अन्दर आई, बोली- ये कैसी आवाजें आ रही थी तुम्हारे कमरे में से? सच सच बोलो कि तुम लोग क्या कर रहे थे, वरना मैं पापा को फोन करके सब बता दूंगी !

मेरा लण्ड डर के मारे ढीला हो गया, हम उसकी बहन के सामने नंगे ही खड़े थे।

फिर उसकी बहन पास में आई और गिरने का नाटक किया और गिर गई।

मैं उसे उठाने गया तो वो मेरा लौड़ा पकड़ कर बोली- तू मेरे भाई को मजा देगा तो क्या मुझे नहीं देगा?

और मेरा लौड़ा चूसने लगी।

मेरी तो निकल पड़ी, पहले उसके भाई को चोदा फिर अब उसकी बहन का नंबर था।

शायद किसी ने सच ही कहा है कि देने वाला जब भी देता है तो छप्पर फाड़ के देता है।

पर मुझे लगा कि देने वाला जब भी देता है तो देता है चूत फाड़ के……

उसके बाद राज जो कि अभी तक नहीं झड़ा था वो भी मुझसे चुदवाने के लिए फिर से आ गया और अपनी बहन के साथ ही मेरा लौड़ा चूसने लगा। कभी वो मेरा लौड़ा चूसता, कभी उसकी बहन !

राज बोला- दोस्त, तू तो मेरा बहुत ही ख्याल रखता है?

मैंने कहा- मेरा ख्याल तो तुम लोग रख रहे हो !

तभी मैंने उसकी बहन को धीरे धीरे नंगा कर दिया। अब घर में हम तीनो नंगे थे !

उसकी बहन का बदन ! क्या बताऊँ, करीब 36-26-36 होगा। मेरे तो होश ही उड़ गए उसे नंगा देख कर ! मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसे पकड़ कर चूमने लगा। राज मेरा लौड़ा चूसे जा रहा था। क्या मजा आ रहा था।

फिर उसकी बहन बोली- राजू, अब और मत तड़पाओ और अपना लौड़ा मुझ में डाल दो।

मैंने उसे लेटा दिया और उसकी चूचियाँ और चूत चाटने लगा। राज अपनी बहन को अपना लौड़ा चुसवा रहा था। अब वो पूरी मस्ती में आ गई थी और अपनी चूत में मेरा मुंह लगा कर बोल रही थी- आह..ह्ह…ऊफ़……..चा…..चा….टते….र…अ..अ….अ….हो……वाह मेरे राजा ! और जोर से जोर जोर से !

उसने मेरा मुँह अपनी चूत में दबा लिया। मैं भी उसकी चूत में अपनी जीभ डाल रहा था। मैं अब पूरे जोश में था, पहले एक कुंवारी गाण्ड मिली जो काफी चिकनी थी, अब मुझे एक कुँवारी चूत मिली जिसे मैं खोलने वाला था।

मैं अपने लण्ड का सुपारा उसकी चूत पर घुमाने लगा तो वो और तड़प रही थी, बोली- मत तड़पा मेरे राजू, डाल दे मेरी इस चूत में लौड़ा ! इसे फाड़ दे !

मैंने देरी ना करते हुए अपना लंड का सुपारा उसकी चूत पर रखा और एक धक्का मारा पर उसकी चूत कुँवारी होने के कारण नहीं गया। फिर मैंने एक धक्का मारा और मेरा लंड का आधा भाग उसकी चूत में घुस गया और वो चिल्लाने लगी- मैं…मर….गई……अह्ह्ह्हह्ह्ह…….ओह………….निकालो…..इस..को…….निकालो…….अह्ह्ह्ह्ह………अह……….अह…अह्ह्ह्अह……..अह…

उसकी आँखों से आँसू आने लग गए तो मैं रुक गया और उसे चूमने लगा। राज उसके मम्मों को दबा कर उसका ध्यान अपनी ओर खींच रहा था।

फिर मैंने एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत को चीरता हुआ घुस गया। कुछ देर के बाद वो अपनी गाण्ड उछालने लगी तो मुझे सिग्नल मिलते ही मैं भी उस पर जंगली शेर की तरह टूट पड़ा, मैं उसे लेटा कर और उसका एक पैर मेरे कंधे पर रख कर चोद रहा था और वो राज का लौड़ा चूस रही थी।

अब तो राज भी अपनी बहन के मुँह को पकड़ कर जोर जोर से चोद रहा था।मैंने उसके मम्मे पकड़े और उसे जोर जोर से चोदने लगा। उसने मुझे अपनी ओर खींच लिया और दबोच लिया, उसके नाख़ून मुझे लगने लगे पर मेरी गति बढ़ती गई, और बढ़ती गई और वो चिल्लाती रही-हाँ…..बेबी…..फ़क…..मी…आह…..आह…अह…

वो ऐसे ही अंग्रजी में बोलती रही और उसका शरीर अकड़ने लगा और वो झड़ गई। राज भी उसके मुँह में ही झड़ गया, मैं भी पूरा का पूरा झड़ गया और काफी थक गया था।

रात के करीब दो बज गए थे, थक गया था पर मन तो अभी भी नहीं भरा था।

मैं उनके घर करीब चार दिन रहा और चार दिन में राज और उसकी बहन की कई बार गाण्ड मारी और एक बार तो मुझे गाण्ड मरवानी भी पड़ी पर वो अगली कहानी में !

2 comments:

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