Monday 28 March 2016

चाचा चाची की चुदाई - Chacha Chachi Ki Chudai

चाचा चाची की चुदाई - Chacha Chachi Ki Chudai

हल्लो फ्रेंड स्टोरी काफ़ी लंबी है इसी लिए मुझे लगता है कहानी आप लोगों को ज़रूर पसंद आएगी आप कहानी का मज़ा लो ओर अपने हाथों को हिलाते रहो मतलब हेंड प्रेक्टिस करते रहो क्योकि कहानी आप लोगों को बहुत पसंद आ रही है मुझे लगातार मैल आ रहे है की राज भाई कहानी को जल्दी से जल्दी पूरी कर दो अब मई आपका ओर ज़्यादा टाइम खराब करूँगा क्योकि मई जानता हूँ की आप कहानी पढ़ने के लिए उताबले हो रहे हैं रात मे गीता ने बड़ी चालाकी से निशा के दूध मे दो नींद की गोलिया मिला दी,’ दो गोलिओ क इरस से तो वो वैसे भी बेहोश हो जाती है,’ चाचिजी हस्ते हुए बोली. उधर सूरज नेब ही कलुओ के विकराल लंड देखने की इक्षे ज़ाहिर की, सूरज बेटा तू उनके लंड कल खा लेना आज आज ह्यूम चूड़ने दे तेरी गांद मे ज़्यादा खुजल मच रही हो तो तू आज आज कालू से चुड ले,’ चाचिजी बोली. कालू भी बड़ी उदासी से सूरज के साथ नीचेवाले कमरे मे चला गया, उस रात गुस्से मे कालू ने कोई चार बार सूरज की गांद मारी और इतनी ज़ोर से मारी की उसकी गांद से खून आने लगा. उधर गीता और चाचिजी गाउन पहन कर उपेरवाले कमरे मे गयी. दोनो कालू सिर्फ़ निक्केर पहन कर बैठे थे और टीवी देख रहे थे. इसाबेल दोनो के बीच मे सिर्फ़ ब्रा और चड्डी पहन कर बैठी थी और दोनो उसके काले मोटे बूब्स दबा रहे थे. चाचिजी और गीता की आते ही उन्होने उसकी ब्रा उतार दी और दोनो उसके निल्लपेस चूसने लगे. दोनो रंडियो को लगा की टाइम वेस्ट करना बेकार है इसलिए उन्होने दोनो के निक्केर के अप्पर से ही उनके लंड दबाना शुरू कर दिया जैसे ही उनको लगा की दोनो के लंड फैल रहे हें उन्होने उनके निक्केर नीचे सरका दिए और दोनो के लंड उनकी आँखो के सामने थे,’ चाचिजी ये लंड है की हाथोरा?’ गीता ने पूछा,’ गीता ऐसे लंड भी दुनिया मे होते है क्या? काश हुमारे यहा भी लार्को के ऐसे ही लॉड होते तो हम औरतो की ज़िंदगी बदल जाती,’ ये कह कर चाचिजी ने दवीड का लंड चूसना शुरू कर दिया, उधर गीता माइकल का क़ाला हात्ोड़ा चूस रही थी,’ चाचिजी दोनो मदारचोड़ो की चमरी कटी हुई है,’ गीता बोली,’ हा तभी तो सुअपरा मोटा है,’ चाचिजी बोली और सुपरे को होठ से छोड़ने लगी. कोई 2-3 मिनिट मे दोनो के काले विकराल लंड फंफना रहे थे, चाचिजी और गीता की चूते तो एकद्ूम गीली थी, चाचिजी ने अपना गाउन उँचा कर के अपनी विशाल गांद दवीड के सामने कर दी,’ ओह मदरफका शी हस ए घेट्टो बट,’ दवीड बोला,’ फक हेर आस,’ माइकल ने कहा. दवीड ने चाचिजी की गांद का रस चूसना शुरू कर दिया, चाचिजी अपनी गांद उत्तेजना मे अप्पर नीचे करने लगी,’ गीता ये कालू गांद ऐसे ख़ाता है जैसे कुलफी खा रहा हो,’ चाचिजी बोली. उधर गीता ने ही कापरे उतार दिए. माइकल को लगा की अब देरी ठीक नही उसने बिस्तेर के कोने पेर गीता की गांद रखी और पाओ को खुद के कंधे पेर रख कर मोटा लंड उसकी मोटी चूत मे सरका दिया,’ ओह मदारचोड़ चूत को आज मज़ा आया असली मर्द का लंड खाने मे,’ गीता ने कहा और नीचे से उसके स्ट्रोक्स के साथ गांद हिलने लगी. इस पोज़िशन मे माइकल का लगभग पूरा लंड गीता की चूत ने खा लिया था. उधर दवीड ने धीरे धीरे चाचिजी की गांद मे अपना मोटा ताज़ा सुपरा सरका दिया,’ गीता ऐसा लग रहा है जैसी मेरी कुँवारी गांद मे पहली बार कोई लंड जर आहा हो बहुत दर्द हो रहा है मगर मज़ा भी आ रहा है,’ चाचिजी बोली. दोनो कालू अब स्पीड बढ़ा चुके थे. उधर इसाबेल ने अपनी काली चूत गीता के मूह पेर रख दी और गीता उसको चाटने लगी, इसाबेल माइकल को किस कर रही थी और माइकल उसके बूब्स दबा रहा था, गीता दोनो के नीचे चुदाई सच ले रही थी. पूरे कमरे मे फ़चफ़च की आवाज़े गूँज रही थी,’ श मदारचोड़ धीरे, चाचिजी ने कहा,’ फाड़ दे मेरा भोसड़ा कालू,’ गीता बोली. दोनो काले उन बुद्धि रांडो को चोद्ते रहे. गीता कोई 5 बार पानी छ्होद चुकी थी और हाफ़ रही थी चाचिजी का भी डम निकले जर आहा था. दोनो ने दोनो औरतो को पूरी रात चोदा. अगले दिन निशा को जैसे ही पता चला उसने तीनो से कमरा खाली करवा दिया. कलुओ के जाते ही दोनो बुद्धि चूटें परेशन हो गयी,’ गीता अब कौन मिटाएगा हुमारी चूत की खुजली?’ चाचिजी ने पूछा. ” चाचिजी थोड़े दिन तो सूरज और कालू के लंड से ही काम चलना परेगा,’ गीता बोली. ” मगर सूरज तो पूरा गन्दू हो चुका है,’ चाचिजी बोली,’ वो चिंता मुझ पेर छ्चोड़ो,’ गीता ने कहा. गीता को ध्यान आया की बहादुर की दोनो लरकियों की कुँवारी चूटें लंड को खाने को तरस रही होंगी,’ चाचिजी सूरज को दो कुँवारी चूटे मिलेगी तो उसका लंड अपने आप चूत चुदु हो जाएगा,’ गीता बोली.’ मगर दो कुँवारी चूत उसके लिए कहा से लाएगी तू?’ चाचिजी ने पूछा,’ अरे भूल गये आप बहादुर की दोनो बेटिओ को?” गीता ने कहा.’ अरे हा ये आइडिया अक्चा है शायद काम कर दे मगर कालू को 4-5 दीनो के लिए यहा मत आने दे नही तो सूरज फिर उस से गांद मरवाने लग जाएगा,’ चाचिजी ने बोला. ” हा चाचिजी कालू को में बाहर भेज दूँगी, अब सूरज को औरतचोड़ बनाना ही परेगा,’ गीता ने कहा. गीता से बात करने के बाद बहादुर की पत्नी अपनी दोनो बेटिओ की सील तुड़वाने के लिए राज़ी हो गयी,’ मगर में वही रहूंगी चाचिजी ताकि बचियो को दर्द वॉर्ड हो तो संभाल लू,’ उसने कहा.’ तू बेशक वाहा रह और इच्छा हो तो चुड भी ले,तुझसे कुछ छुपा हुआ थोड़े ही है बस एक बार सूरज के लंड में चूत की इच्छा दुबारा पैदा हो जाए बस,’ चाचिजी बोली उस रात गीता बहादुर की दोनो बेटियो को चाचिजी के कमरे मे ले आई, साथ मे उनकी मा भी थी,’ देखो बचियो तुम दोनो को सूरज का चूत में इंटेरेस्ट दुबारा पैदा करना होगा, इसके बदले में में तुमको मूह माँगी क़ीमत दूँगी,’ चाचिजी दोनो से बोली. बड़ी बेटी की उम्र थी कोई 17 साल उसका नाम था सोना, छ्होटी बेटी 15 की थी उसका नाम था लक्ष्मी. सोना कोई 5 फुट की थी. एकद्ूम गोरी, कोई 34 इंच के बूब्स, एकद्ूम गुलाबी निपल्स, सुनहरे झांटोवली चूत, नॉर्मल 32-33 इंच की गांद, उसके हॉट मोटे थे. लक्ष्मी छ्होटी थी, कोई 4फ्ट 6 इंच की, चुचिया पूरी डेवेलप नही हुई थी, ब्रा भी नही पहनती थी, कोई 29 इंच की होंगी, सिर्फ़ तोड़ा सा उभर था और निपल्स ज़रूर पूरे विकसित थे, थोसे भूरे रंग के थे. चूत पेर पूरी झांते नही आई थी. छ्होटे छ्होटे बॉल थे बस. हथेली मे आ जाए जितनी छ्होटी गांद. दोनो की मा अभी भी मस्त थी. ज़्यादा हाइट तो नही थी मगर बूब्स कोई 36 इंच के थे,निपल्स बcचो ने चूस चूस कर बड़े कर दिए थे, चाचिजी की संगत मे रह कर चूत के बॉल सॉफ रखती थी. चाचिजी ने अपने, गीता, बहादुर की पत्नी, लक्ष्मी और सोना पाँचो के कापरे उतार दिए थे. सूरज आया तो देखा पाँच नंगी औरते उसके कमरे में मौजूद थी. ” बेटा सोना और लक्ष्मी की नथ उतारनी है आज तुझे,’ चाचिजी बोली.” कालू से उतरवा लो चाची मेरी रूचि नही,’ सूरज बोला. ” देख भद्वगिरी अब ज़रूरत से ज़्यादा हो गयी, ये इतना बरा लॉडा भगवान ने तुझे क्या सिर्फ़ मूतने के लिए दिया है? मे और गीता लंड ढूँढते फिरे और तू अपने लंड से अपनी ही गांद मारता फिरे? अब ये नही चलेगा बेटा, आज तेरा लंड हम खरा कर के ही डम लेंगे और एक एक कर के तुझे इन दोनो की सील तोड़नी ही पड़ेगी,’ चाचिजी बोली. उधर बहादुर की पत्नी, चाचिजी और गीता ने सूरज के कापरे तुरंत उतार दिए और उसको एकद्ूम नंगा कर दिया. चाचिजी ने इशारा किया तो सोना तुरंत सूरज के मूह पेर बेथ गयी,’ चाट इसकी चूत भद्वे गरम कर इस लर्की को गान्डू,’ चाचिजी ने कहा. उधर बहादुर की पत्नी सूरज के सीने और पेट पेर धीरे धीरे हाथ फिरने लगी. गीता ने तुरंत सूरज का नरम लॉडा चूसना शुरू कर दिया और चाचिजी सूरज की गेंदो को मसालने लगी. सूरज सोना की चूत सटाक सटाक कर चाट रहा था. उधर चाचिजी और गीता के पाँच मिनिट तक चूसने के बाद भी सूरज का लंड नरम का नरम रहा. गीता नि उसके लंड को थप्पड़ मारना शुरू कर दिया. थप्पड़ खा कर सूरज के लंड मे थोड़ी हरकत हुई, ये देख कर चाचिजी ने उसकी गांद मे उंगली डाली और अंडर दबाव बनाया, इस से लंड थोडा और फैला मगर अभी भी पूरा कारक नही हुआ था. ” चाचिजी एकद्ूम से ये पूरा चोदु नही बनेगा अभी इसके आधे अकरे लंड का पानी निकालो फिर दूसरी बार कुछ और करेंगे,’ गीता बोली.’ ” चल गान्डू घोड़ी बन अब,’ चाचिजी ने सूरज से कहा. सूरज घोड़ी बन गया और टाँगे छोड़ी कर के लेती सोना की चूत चूस्ता रहा. उधर गीता ने उसके लंड को गाई के नरम थन की तरह दुहना जारी रखा, चाचिजी उसके अनदुव को मसल रही थी और उंगली से गांद मार रही थी, ऐसे ही कोई 4-5 मिनिट के बाद दोनो औरतो को लगा की सूरज का आधा अकरा लॉडा पानी छ्चोड़ देगा,’ साला मदारचोड़ गांद मरवा मरवा कर नरम लंड से पानी निकलना सिख गया,’ चाचिजी बोली. ” ओह गीता श चाचिजी मेरा पानी च्छुतने वाला है, आँदिओ को इतना ज़ोर से मत मस्लो मे हिजड़ा हो जौंगा,’ सूरज बोला.’ तू तो हिजड़ा ही है जो दो जवान लरकीओ के होते हूर नरम लॉड से पानी निकल रहा है मदारचोड़,’ चाचिजी बोली. ” ऊहह आहह मे झाड़ रहा हू चाचिजी मेरा अंडकोष खाली हो रहा है गीता,ये आया पानी ये आया ऊहह आह श रनदिओ निकालो ज़ोर से सारा निकल दो,’ ये कहते हुए सूरज झाड़ गया. ” मदारचोड़ के आंदियो मे पानी तो मर्द की तरह ही बन रहा है, देख गीता कोई आधा कप पानी छ्चोड़ा है इस हिजड़े ने,’ चाचिजी सूरज के पानी को चट्टी हुई बोली. ‘ चिटना मत करो चाचिजी आज की रात इसको मे मर्द बना कर ही डम लूँगी,’ गीता बोली.गीता अंडर जाकर संडे का तेल लाई और कोई 5 मिनिट बाद फिर से उसके लंड की मालिश शुरू कर दी. इस बार कोई 2 मिनिट की ही मालिश के बाद सूरज का लंड विशाल रूप लेने लगा,’ देखो चाचिजी इसका लंड पूरा तनने लगा है,’ गीता बोली.’ ठीक है पूरा कारक होते ही मे इसके उपेर चाड कर इसको चोदुन्गि,’ चाचिजी बोली.’ ” आआप उपेर आ ही जाओ इस से पहले की ये वापस नरम पद जाए,’ गीता ने कहा. चाचिजी तुरंत सूरज के उपेर आई और अपने भोस्डे को उसके लंड के सुपरे पेर अड्जस्ट करने लगी,’ आ सूरज बेटा कितने दीनो बाद तेरी मा ने तेरा लंड खाया है,’ चाचिजी ने कहा और सूरज के सीने पेर दोनो हाथ रख कर उसको मस्ती से चोद्ने लगी,’ गीता मेरा बेटा आज पूरा सुख दे रहा है, लंड पूरा सख़्त और गरम है,’ चाचिजी बोली.’ तो चोदो इस भद्वे को खूब ज़ोर से सिख़ाओ इसको की औरत की चुदाई क्या होती है,’ गीता बोली और सूरज के लंड का बसे टाइट पाकर लिया इस से सूरज का लंड और सख़्त हो गया. उधर सोना फिर से सूरज के मूह पेर बेथ गयी सूरज बारी बारी से उसकी गांद और चूत चाटने लगा.’ ओह गन्दू चोद तेरी चाची की प्यासी चूत भर इसको अपने गरम आनी से,’ ये कह कर चाचिजी ने स्पीड बढ़ा दी.’ ” हा चाची बहुत मज़ा आ रहा है चोदो मेरा लवदा जान,’ सूरज बोला और नीचे से गांद हिलने लगा.’ गीता को लगा दोनो को साथ च्छुतना चाहिए इसलिए उसने अब सूरज के अंडकोष की मालिश शुरू कर दी,’ हा मदारचोड़ भर मेरा भोसड़ा तेरे आंडरास से,’ चाचिजी बोली,’ हा चाचिजी आ रहा है पानी ये लो आ रहा है भर रहा हू आपका ब्स्ड़ा मेरी चाची आंदियो को दबा दबा के उनका रस निकालो गीता,’ सूरज बोला और 2 मिनिट मे खल्लास हो गया चाची- भतीजे का एक साथ पानी च्छुटा. उस रात सूरज ने एक बार गीता को भी छोड़ा,’ अब कल सोना और लक्ष्मी को चुडवाएँगे तुझसे,’ चाचिजी बोली,’ हा चाचिजी कल इनकी चूत फाड़ कर रख दूँगा,’ सूरज बोला.

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