Monday 28 March 2016

बहन की खूबसूरात सहेलिया - Sister Friends

बहन की खूबसूरात सहेलिया  - Sister Friends

उस दिन दोपहर के दो-ढाई बाज रहे थे. गर्मी के दिन थे और लाइन कटी हुई थी. मैं अंदर बरामदे पे कॉट पर सोई हुई थी. आँगन की दीवार काफ़ी उँची थी इसलिए मैं इतमीनान से अपना स्कर्ट और टॉप उपर करके हवा खा रही थी. गर्मी मे मैं ब्रा और पेंटी नही पहनती, सिर्फ़ पीरियड के दीनो मे पेंटी पहनती हू, प़ड़ के सपोर्ट के लिए. मम्मी मार्केट गयी थी और भैया कॉलेज. नौकरानी 3 बजे आती है, वैसे भी मैं नौकरानी किरण से परदा नही कराती, एक तो वो भी लड़की और मैं व, वो मुझसे दो साल बड़ी होगी, यानी 19 की अनमॅरीड और मैं भी 18 की फर्स्ट एअर की स्टूडेंट.मई आधी नींद मे थी की मुझे लगा कोई कमरे मे खुशुर-पुसुर कर रहा है, मैं झट से उठी, अपने कपड़े ठीक की और कमरे मे देखी की नयन भैया नौकरानी किरण को पीच्चे से पकड़कर उसकी मस्त चुचि दबा रहे है, मैं भैया का ये रूप देखकर हैरान थी. नयन भैया आम-तौर पर लड़कियो से दूर रहते है और बहुत सख़्त इनसेन हैं. 20 साल का नौजवान, 5 फीट 8 इंच हाइट, चौड़ी च्चती, जिम मे कसरात करके मजबूत मसल्स, गोरा रंग, गहरी आँखे, यानी एक दम हीरो माफिक मेरे भैया. और कहा वो नौकरानी किरण, 19 साल की साँवली, दुबली-सी, लेकिन बॉडी के लिहाज से काफ़ी बड़ी चुचिया और सबसे सेक्सी पार्ट था उसका हिप. जब वो चलती थी तो लड़की होकर भी मैं उसकी हिप का मटकना देखती रह जाती. मैं देखी की नयन भैया उसे अपनी ओर घुमा कर किस करने लगे, मुझसे रहा नही गया, वाहा से हटकर आँगन मे आ गयी और एक प्लेट गिरा कर उनका ध्यान भंग की, दोनो अलग हो गये और किरण तेज़ी से किचन मे चली गयी, भैया&नबस्प; अपने कमरे मे. यह सब देखकर मेरा मूड भी गरमा गया था. मैं भैया के रूम मे गयी, वो कपड़े बदल रहे थे, मैं बोली – क्या भैया, तुम इतने नीचे उतार जाओगे, सोची नही थी, अरे मुझसे बोले होते, एक से एक खूबसूरात सहेलिया है मेरी, तुम जैसे स्मार्ट जवान लड़के पर मेरी सहेलिया तो मरने को तैयार हो जाएगी, इस सवली नौकरानी को किस करने मे तुझे मज़ा आता है? मुझसे कहा होता – एसे छ्होटे-मोटे काम के लिए तो मैं भी तेरे पास हू. तेरी अपनी बेहन, खूबसूरात, जवान — ठीक है की हुमलोग वो काम नही कर सकते, लेकिन तुम अपनी बेहन सीमा को प्यार तो कर ही सकते हो, ज़्यादा मज़े करना हो तो अपनी सहेली रीता से बात करूँगी, खुश कर देगी …. … नयन भैया ने सकपका कर मुझे देखा और टवल के अंदर से अंडरवियर निकल कर बेड पर फेक दिया. मैं बनावटी गुस्से से बोली – भैया तेरी आदत कब ठीक होगी, कपड़े ठीक से रखा करो – फिर मैने उसका अंडरवियर उठाया और उसका लंड वाला पोर्षन भीगा देखकर बोली – भैया, ये क्या …. … भैया शर्मा गये और बाथरूम मे घुस गये. बहन की खूबसूरात सहेलिया दूसरे दिन मैं जैसे ही कॉलेज से लौटी, भैया पीच्चे-2 मेरे रूम मे आए और बेसब्री से बोले – सीमा, रीता से बात हुई क्या? मैं कुच्छ नही बोली. भैया ने फिर पुचछा – बोलो ना रीता मिली थी? क्या बात हुई? नया भैया ने मेरी दोनो बाह पकड़ कर झकझोर दिया – मैं मूह लटका कर बोली – सॉरी भैया, रीता अच्च्ची लड़की नही है, मैं पूजा से बात करके बताउँगी —– मैं सलवार-कुर्ते के उपर से स्कर्ट डालने लगी, कमर पे लाकर कुर्ते उठाकर सलवार की दूरी खोलती हुई बोली – अब मैं रीता से कभी बात नही करूँगी —- क्यो, क्या बोली रीता बताओ तो सही, भैया ने फिर मुझे झकझोरा — मेरे हाथ से स्कर्ट चुत गया – शुकरा था की उस दिन मैं पेंटी पहनी थी और कुर्ता भी नीचे लटक गया, मैं ज्लडी से स्कर्ट उठा कर हुक लगाने लगी – भैया दूसरी तरफ घूम गये —- मैं अफ़सोस करते हुए बोली — जानते हो भैया, रीता बहुत गंदी लड़की है, मैने कहा की मेरे भैया से दोस्ती करोगी — तो उसने कहा — दोस्ती करने कह रही हो या प्यार करने, सब समझती हू, आजकल भाई लोग भी बेहन के थ्रू ही लकड़ी पटते है, और फिर तू खुद भी तो इतनी खूबसूरात हो, खुद ही अपने भैया को संभलो ना, मैं तो अपने राकेश भैया को खुद ही सारा प्यार देती हू, वो तो कही किसी लड़की को देखते भी नही, उसे मैं ही खुश रखती हू – मेरी प्यारी सीमा, जा तू आज से ही अपने भैया को खुश करना सीख ले —— भैया मेरी ओर पीठ करके सब सुन रहे थे, मैं कुर्ता उतार कर च्चती पर रख ली और टॉप लेने बड़ी, भैया घूम कर मेरी खुली पीठ देख रहे थे. बहन की खूबसूरात सहेलिया एक दिन रात के ज़्यादा नही 11 बजे होंगे, मैं हमेशा की तरह स्कर्ट टॉप पहनकर मम्मी के साथ सोई थी, मम्मी नींद मे थी पर मुझे ठीक से नींद आई नही थी, पंखे की हवा से मेरा स्कर्ट उपर की ओर सरक गया था, रूम का लाइट ऑफ था, तभी मैं चौक गयी, भैया मेरे जाँघ पर हाथ फेर कर मुझे धीरे से जगा कर बोले – सीमा, इधर आओ, एक चीज़ दिखता हू, भैया खुद भी केवल बर्म्यूडा मे थे. टॉप के अंदर जैसे बिना ब्रा के मेरी चुचिया च्चालकती है वैसे ही भैया का लंड भी बर्म्यूडा के अंदर हिल रहा था. वे मुझे पकड़कर अपने रूम मे ले गये और कंप्यूटर दिखाने लगे. कंप्यूटर पे इंटरनेट चालू था और एक लड़की एक लड़के का लंड चूस रही थी. ये देखकर मैं बोली – च्चि भैया, यही सब दिखाने के लिए मुझे जगाकर ले आए —- अरे नही मेरी बहना, ज़रा इनके चेहरे तो देखो, सब समझ जाओगी —-&नबस्प; एक सेक्सी मुस्कान उसके होतो पर खिली हुई थी — फिर मैं गौर से देखी और हैरान हो गयी —- अरे! ये तो रीता और उसके राकेश भैया है — हे भगवान, भाई-बेहन मे ये सब, लेकिन ये यहा तेरे कंप्यूटर मे कैसे आया? — ओह ! यानी इंटरनेट चालू है? हे भगवान, इन लोगों का ये रेकॉर्डिंग किसने किया होगा, और फिर इसे इंटरनेट पे किसने रखा होगा, कम से कम रीता या उसके राकेश भैया ने तो नही ही रखा होगा, हे राम, कैसे कैसे ये लोग कर रहे है — मैं बड-ब्डा रही थी लेकिन अंदर से चुदाई का सीन देख कर गरम हुई जा रही थी, गर्मी के दिन, गरम गरम चुदाई वो भी अपनी सहेली रीता की चुदाई, वो भी अपने सगे भाई से — मैं अपनी चुत को दोनो हाथो से धक-कर एक आर्मलेस चेर पे बैठ गयी. इधर भैया ने कमरे का दूर लगा दिया और मेरे बगल मे सात कर खड़े हो गये, उनका लंड मेरे कंधे से टकरा रहा था, मैं स्करीन पर देख रही थी की उसके राकेश भैया ने अपना लंड हिलाया और उसे रीता के गान्ड मे घुसने लगे – मैं चीख पड़ी – हे राम, कितना बड़ा है राकेश भैया का और कैसे जाएगा छ्होटे से च्छेद मे — तभी नयन भैया बोले – अरे ये तो कुच्छ भी नही, इससे ज़्यादा बड़ा तो मेरा लंड है, देखोगी? — मैं कुच्छ बोल नही पाई, चेहरा घुमाया तो भैया का खड़ा लंड मेरे होतो से टकराया – फिर क्या था, मैने उनके बर्म्यूडा के उपर से ही उनका मोटा सा लंड पकड़ लिया और उसे अपने होतो से चूमने लगी — भैया ने मुझे बह पकड़ कर उठाया और गले से लगा लिया – मैं प्यार मे डूबती हुई बोली – भैया, प्लीज़ तुम मुझे प्यार क्यो नही करते? मैं तेरी छ्होटी बेहन हू, सभी अपनी बेहन को कितना प्यार करते है, सिर्फ़ तुम नही करते – प्लीज़ मुझे प्यार करो ना — इस तरह मैं नयन भैया के और करीब होती गयी, मेरी दोनो सख़्त चुचिया उनके सीने से डब गयी, मैने भैया के गालो पर दोनो हाथ रखकर अपने चेहरे से रगार्ने लगी, उसका मस्त खड़ा लंड मेरे पेट पर गड़ रहा था, भैया के होठ मेरे होतो को सहलाने लगे —- उधर कंप्यूटर पर रीता के बुवर मे उसके राकेश भैया का लंड सटा-सात अंदर-बाहर हो रहा था.

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