Monday 28 March 2016

शालिनी की चुदाई - Salini Ki Chudai

शालिनी की चुदाई - Salini Ki Chudai

मेरा नाम शालिनी है. मैं 38 साल की डिवोर्स्ड लेडी हू और मेरे दो बच्चे हैं एक बेटा और बेटी. हलकी मैं देखने मे 30 से ज़्यादा की नही लगती और मुझे देख के कोई कह भी नही सकता की मैं 20 साल की बेटी की मा हू क्यूकी मेरी शादी कम उमर मे ही हो गयी थी. कुच्छ साल पहले मेरा डाइवोर्स हो गया तब से मैं अपने बच्चो के साथ रह रही हू और एक स्कूल मे टीचर क[/कलर]ई नौकरी कराती हू. स्कूल एक पवत् स्कूल है. स्कूल मे एक पेवं मनोज है जो की काफ़ी यंग और हंडसों है उसकी कोई अच्छी जगह नौकरी नही लगी तभी वो यहाँ नौकरी कराता है. वो यंग और हंडसों है इस वजह से मैं भी उसे पसंद कराती हू, वो अक्सर मुझे घूरा कराता है. मैं स्कूल मे सारी पहन के जाती हू, जुब भी वो पेवं मेरे पास आता था तो उसकी निगाहे मेरे बूब्स पे या गांड पे ही या कमर पे रहती थी पर मैं भी उसे पसंद कराती थी इसलिए मुझे उसका घूर्ना बुरा नही लगता था. और मैं भी कभी कभी अपना पल्लू गिरा देती थी जिससे उसे मेरे बूब्स के थोड़े दर्शन हो जाते थे. अब हम थोड़ा बाते भी करने लगे थे. उसने मुझे बातो बातो मे ही बताया की वो पास के गाव मे एक झोपड़ी मे रहता है और वो वहाँ अकेला ही रहता है. उसने मुझे अपने घर बुलाया भी. मैं किसी गाव नही गयी थी तो मैने भी हाँ कह दी और एक दिन स्कूल के बाद मैं उसके साथ उसके घर आई. हमने मच्चली पाकरने का प्रोग्रामम बनाया था, उसके घर के पास ही एक तलब था. हम दोनो यूयेसेस तलब के किनारे बैठ के मच्हली पाकरने लगे और बाते भी कर रहे थे. मैने अपनी सारी का पल्लू जान बुझ के नीचे गिरा दिया था जिससे उसे मेरी क्लीवेज दिख रही थी और उसकी निगाहे वही पे थी. वहाँ आस पास और कोई नही था मैने उससे कहा की मैं कभी तलब मे नही नहाई हू और मुझे तलब मे नहाना है क्यूकी गर्मी भी लग रही है. तो उसने कहा ठीक है आप नहा लीजिए यही. मैने उससे कहा अगर मैं सारी पहन के नाहोँगी तो ये भीग जाएगी. तो उसने कहा ” अरे सारी पहन के नहाने की क्या ज़रूरात है वैसे भी आस पास कोई नही है आप सारी उतार दीजिए और मैं आपको एक धोती दे देता हू जिसे लपेट के नहा लीजिए तो आपकी सारी भी नही भीग़ेगी”. ये कह के वो अपने घर से एक धोती ले आया, मैं झाड़ियो के किनारे गयी और सारी ब्लाउस पेटीकोत और ब्रा उतार दी मैने पेंटी नही पहनी थी. सारे कपड़े उतार के मैने बदन पे धोती लपेट ली और उसके सामने गयी. मुझे थोड़ी शरम भी आ रही थी क्यूकी धोती से मेरी जंघे और कंधे पूरे खुले थे. पहली बार मैं इतने कम कपड़े मे किसी पराए मर्द के सामने थी. पर सच तो ये था की तलाक़ के बाद मैने किसी से सेक्स नही किया था इस वजह से मैं सेक्स की आग मे जल रही थी. और मुझे पराए मर्द को जिस्म दिखाने मे मज़ा आ रहा था. खैर मैं तलब मे उतरी और डुबकी लगाई और तैरने लगी. धोती के गीले होने की वजह से मेरा पूरा जिस्म झलक रहा था. मेरे बूब्स, निपल, गांड सब कुच्छ धोती के गीले होने की वजह से सॉफ झलक रहे थे. खैर फिर मैं नहा के तलब से नीलकी, अब तक मनोज(पेवं) भी काई मच्चलिया पाकर चुका था. वो मेरे जिस्म को घूर रहा था. मैने उसके साथ उसकी झोपड़ी माई आ गयी, मेरे बदन पूरा गीला था और सब कुच्छ जालक रहा था मैने उससे टवल माँगी, उसने मुझे ट्वाले डेडी और वो बाहर तलब के किनारे रखे मेरे कपड़े उतने चला गया. मैं टवल से अपने बाल सूखने लगी, वो मेरे कपड़े उठा लाया पर मैं अभी भी गीली धोती लपेटी थी और बाल सूखा रही थी. उसने मुझसे कहा-”मेडम ये गीली धोती क्यू लपेटे हैं इससे उतार दीजिए, मैं आपके कपड़े उठा लाया हू आप चेंज कर लीजिए मैं बाहर चला जाता हू”. ये सुन के मैने कहा-”अरे मनोज तुम क्यू बाहर जाओगे मैं यही चेंज कर लेती हू”. ये कह के मैं धोती उतार दी, अब मैं एक पराए मर्द के सामने एक-दूं नंगी खड़ी थी. मनोज मुझे नंगी देख कर खुद पे काबू नही रख सका और उसने मुझे अपनी बाहो मे भर लिया, मैं भी तो यही चाहती थी क्यूकी मैं भी सेक्स की आग मे जल रही थी. मैने मनोज की लूँगी उतार दी और उसकी अंडरवियर भी उतार दी. अब हम दोनो एक दम नंगे थे और एक दूसरे को किस कर रहे थे, उसके हाथ मेरे जिस्म के उभरो पर घूम रहे थे और मेरी पीठ और गांड पे उसके हाथ मुझे और भी उत्तेजित कर रहे थे. मैं भी मनोज के नंगे जिस्म का अपने हाथो से जायज़ा ले रही थी, मेरे हाथ कभी उसकी पीठ पे जाते, कभी लंड पे और कभी उसकी गांड पे कभी सीन पे. हम दोनो एक दूसरे को बेठहाशा किस कर रहे थे उसकी जीभ मेरे मूह मे थी और मैं इससे बच्चो की तरह चूस रही.हम दोनो एक दूसरे से कस के गले लगे हुए थे. अब हम दोनो के मूह अलग हुए और उसने मेरे बूब्स को दबाना शुरी किया मैने भी उसका लंड पाकर लिया और सहलाने लगी. फिर वो बेड पे बैठा और मैं उसकी गोद मे बैठ गयी जिससे उसका लंड मेरी चुत मे घुस गया. अफ कितने दीनो बाद मेरी चुत मे लंड घुसा था, मैं उसकी गोद मे बैठी थी और धीरे धीरे उपर नीचे हो रही थी जिससे लंड अंदर बाहर हो रहा था. उसके हाथ मेरे बूब्स पे थे और वो मेरे बूब्स दबा रहा था और मैं धीरे उच्छल रही थी. अब उसने मुझे बेड पे लिटा दिया और मेरी टॅंगो के बीच मे आ गया और मेरी चुत चातने लगा. मेरे मूह से उफफफफफफफ्फ़ इसस्स्स्सस्स की आवाज़े निकल रही थी और मैं उसके सिर को अपनी चुत पे दबा रही थी. वो अपनी जीभ मेरी चुत पे फेर रहा था और अंदर भी डाल रहा था. अब वो मेरे उपर छज्जे गया उसका लंड मेरी चुत से सटा हुआ था और वो मेरे बूब्स चूस रहा था मैं उसका लंड अपने चुत मे लेने को बेकरार थी. उसने अपना लंड मेरी चुत के उपर रखा और फेरा मुझसे रहा नही जा रहा था, मैने उसका लंड पाकर के अपनी चुत के अंदर कर दिया और अब वो झटके लगाने लगा.वो मेरे उपर चारा हुआ था और तेज़ी से झटके लगा रहा था, उसके हाथ मेरे बूब्स पे थे और वो बूब्स दबा भी रहा था. मैं अपनी चुत मे उसके तगड़े लंड के मज़े ले रही थी और मेरे मूह से बस सिसकारिया ही ँकल रही थी. मनोज ने भी लंड अंदर बाहर की बढ़ता बड़ा दी. थोड़ी देर बाद वो रुका और उसने मुझे डॉगी पोज़ मे आने को कहा, मैं डॉगी पोज़ मे आ गयी और वो पीछे से मेरी गांड और चुत चातने लगा उसके चातने से मेरी उत्तेजना और भी बार रही थी. मनोज बोला-” अफ शालिनी तुम्हे कब से छोड़ना चाह रहा था क्या गांड है तुम्हारी क्या चुत है क्या बूब्स है, हर चीज़ मस्त है मेरा लंड बहुत सालो से प्यासा था”. ये सुन के मैं बोली-”मनोज मैं भी प्यासी थी और टुमारा लंड मेरी प्यास बुझा रहा है, तुम कितने अच्छे से कर रहे हो, मेरे पाती ने कभी मेरे साथ इतना अच्छा सेक्स नही किया”. मनोज बोला-”अच्छा हुआ टुमारा डाइवोर्स हो गया”. फिर मनोज ने मेरी चुत मे उंगली घुसॉद दी और गांड के च्छेद को चातने लगा. मैं डॉगी पोज़ बहुत मज़े से चटवा रही, मेरे पूर्व पाती चातना और चूसना ज़्यादा पसंद नही करते थे और उन्होने मेरे साथ कभी ये सब किया भी नही था इसलिए ये पहली बार था जुब मैं चुस्वाई और चटवाने का आनंद ले रही थी. फिर मनोज ने मेरी चुत पे अपना लंड रखा और डाल दिया और मैं डॉगी पोज़ मे चुद रही थी. मनोज के हाथ मेरी गांड पे थे और वो तेज़ी से लंड मेरी चुत के अंदर बाहर कर रहा था. मैं भी चरम आनंद पे थी इस चुदाई मे तीसरी बार मेरी चुत मे मनोज का लंड घुसा था और मैं चाहती थी की इस बार ये मेरी चुत मे फारिग होके ही निकले. उसके तेज़ स्ट्रोक्स से मेरी चुत भी रस छ्होर चुकी थी और मनोज ने भी मेरी चुत मे अपना पानी छ्होर दिया और लंड बाहर निकाला. फिर उसने एक कपड़े से मेरी चुत और अपना लंड पोच्च दिया. अब वो लेट गया और मुझसे लंड चूसने के लिए कहने लगा. मैने उसका लंड अपने मूह मे लिया और चूसने लगी उसका लंड अभी भी खड़ा था. मैं उसके लंड पे अपनी जीभ फेर रही थी, उसने भी मेरी चुचि अपने मुहमे ले ली और चूसने लगा. मैं उसकी चुदाई से संतुष्ता हो चुकी थी पर शायद उसका एक और रौंद लगाने का मॅन था पर अब वो मेरी गांड मारना चाहता था. उसने मुझसे कहा ”गंद मरावगी”. मैने कहा ”ठीक है” हलकी मैने इससे पहले कभी गांड नही मरवाई थी. उसने मुझे पेट के बाल लेतने को कहा, उसने मेरी गांड थोड़ी फैलाई और गांड के च्छेद पे एक करीम लगा दी और अपने लंड पे भी करीम लगा ली. फिर उसने अपना लंड मेरी गांड के अंदर डाला टाइट च्छेद होने की वजह से उसका लूंबा मोटा लंड मेरी गांड मे ज़्यादा घुस नही पाया पर करीम लगाने से ज़्यादा दिक्कत नही हुई. अब उसने मुझे फिर से डॉगी पोज़ मे आने को कहा ताकि गांड छोड़ने मे आसानी हो तो मैं डॉगी पोज़ मे आ गयी और वो धीरे धीरे लंड मेरी गांड के च्छेद के अंदर बाहर करने लगा. थोड़ी देर ऐसा करने के बाद उसने बढ़ता बड़ा दी और जुब पानी निकालने वाला था तो लंड बाहर निकल लिया और मेरी गांड पे अपना पानी गिरा दिया. अब मैं पस्त होके लेती गयी वो भी मुझसे चिपक के लेट गया और हम सो गये. दो घंटे बाद करीब 4 बजे मेरी आँख खुली जुब बेटे का फोन आया था. मुझे लोतने मे देर हो गयी थी इस वजह से वो पुच्छ रहा था की मैं कब तक लौटूँगी. मैने उसे बता दिया की थोड़ा ज़रूरी काम है लौतने मे टाइम लग जाएगा तुम फिकर ना करो. कॉल आने की वजह से मनोज भी जब गया था. बेटे से हलकी मैं फोन पे बात कर रही थी पर मुझे बात करते हुए मुझे थोड़ी शरम भी आ रही थी क्यूकी मैं एक दम नंगी थी और पराए मर्द के साथ थी. मनोज के हाथ मेरे हिप्स और बूब्स पे थे और उसका लंड आराम से सो रहा था. मैं पहले नहा चुकी थी पर मनोज ने मेरी गांड पे पानी निकाला था और मेरी चुत भी थोड़ी गंदी हो गयी थी इसलिए मैने सोचा की मुझे फिर से नहा लेना चाहिए. मैने मनोज से कहा-”मनोज मुझे फिर से तलब मे नहाना है”. मनोज-”ठीक है शालिनी जाओ नहा लो अभी आस पास कोई नही होगा”. मैं उठी और नंगी ही उसके घर के बाहर आ गयी आस पास कोई भी नही था और सन्नाटा था, मैं तलब मे चली गयी और नहाने लगी. मनोज लूँगी लपेट कर बाहर आ गया. मैं नहा के निकली और उसके गले लग गयी और हम किस करने लगे. फिर हम अंदर आ गये और उसने टवल से मेरे गीला बदन पोच्छा और मैने कपड़े पहन लिए और वो मुझे रोड़े तक छ्होर आया जहाँ से बस पकड़ के मैं अपने घर आ गयी

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